पौराणिक काल के सबसे चर्चित श्राप

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हिंदू पौराणिक कथाओं में श्राप की काफी अहमियत बताई जाती है. हर श्राप में कोई न कोई कारण छुपा था. 

अक्सर ये श्राप ऋषि मुनियों द्वारा दिए जाते थे. कई श्राप में संसार की भलाई निहित थी तो कुछ श्राप गुस्से में दे दिए गए थे.

आइए जानते हैं इतिहास के 5 सबसे बड़े श्रापों के बारे में.

अश्वत्थामा ने पांडवों के पूरे वंश को समाप्त करने की कोशिश की थी. इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा को तीन हजार साल तक पृथ्वी पर भटकने का श्राप दिया था.

2. ऋषि दुर्वासा ने शकुंतला को श्राप दिया था कि जिसे वो याद कर रही हैं वहीं उन्हें भूल जाएगा.

ऋषि वशिष्ठ ने वसुओं को नश्वर संसार में जन्म लेने का श्राप दिया था. बाद में उन्होंने दया की भीख मांगी तो वशिष्ठ ने थोड़ी नरमी दिखाई और कहा कि उनका नश्वर जीवन छोटा रहेगा.

गांधारी ने श्री कृष्ण के वंश का आपस में लड़कर नष्ट हो जाने का श्राप दिया था. गंधारी ने श्रीकृष्ण को श्राप इसलिए दिया था क्योंकि वह अपने पुत्रों के मरने से बहुत दुखी थी.

ऋषि दुर्वासा ने कृष्ण को यह श्राप दिया कि वह जिस मां के लाड़-प्यार में आकर इतने शरारती बने हैं उसी मां से वह कई वर्षों तक दूर रहेंगे.