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मौत के बाद शरीर का क्या होता है. कौन से अंग कितनी देर तक जिंदा रहते हैं क्या आप जानते हैं. गरुण पुराण में मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है, इसके बारे में बताया गया है. आइए विज्ञान के नजरिए से जानते हैं कि निधन के बाद अंग कितने देर तक काम करते रहते हैं.
आमतौर पर लोग यही सोचते हैं कि मृत्यु के बाद शरीर के सारे अंग भी काम करने बंद कर देते हैं. हालांकि कई रिसर्च में पाया गया है कि मौत के बाद भी शरीर के कई अंग घंटों तक जीवित रहते हैं.
मौत के बाद दिल की धड़कन तो बंद हो जाती है लेकिन ब्रेन का जीवित रहना पूरी तरह से ब्लड के जरिए ब्रेन को मिल रही ऑक्सीजन पर निर्भर होता है.
मरने के बाद सांसें बंद हो जाती हैं. इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है और दिमाग ऑक्सीजन की कमी से 3-7 मिनट के भीतर काम करना बंद कर देता है.
हार्ट पंपिंग बंद होने से ग्रेवटी के चलते ब्लड शरीर के नीचले हिस्से में जाने लगता है और 1 घंटे में त्वचा का रंग फीका पड़ने लगता है. मृत्यु के 2-6 घंटे के बाद शरीर में मसल्स अकड़ने लगती हैं और कठोर हो जाती हैं.
मरने के बाद शरीर में ऑटोलिसिस नाम की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इससे शरीर की कोशिकाओं से एक खास एंजाइम निकलता है, जो टिशूज को ब्रेक करना और उसे खाना शुरू कर देता है.
इंसान के मरने के 6 से 8 घंटे बाद तक आंखें जिंदा रहती हैं. हड्डियां लगभग 5 सालों तक जिंदा रखी जा सकती हैं.
मृत इंसान की किडनी 72 घंटे और लीवर 8 से 12 घंटे तक जिंदा रहता है. किसी भी व्यक्ति के मरने के 10 साल बाद तक उसके हार्ट वाल्व को जिंदा रखा जा सकता है.
ऑक्सीजन के बिना सभी अंगों की फंक्शनिंग खराब होने लगती है इसलिए इन्हें मौत के बाद जितनी जल्दी संभव हो सके शरीर से बाहर निकालकर जरूरी ऑक्सीजन सप्लाई देनी होती है. मौत के बाद हार्ट 4-6 घंटे, लंग्स 4-8 घंटे, प्रेंकियाज 12-18 घंटे तक काम करती है.