ग्रहण के  समय कुछ खाने से क्या होता है?

Photos: Pixabay/PTI

सूर्य और चंद्रमा ग्रहण को लेकर दुनियाभर में अलग-अलग मान्यताएं हैं.

चीन के लोग प्राचीन काल में मानते थे कि  ग्रहण तब होता है जब एक ड्रैगन सूरज को निगल लेता है. 

वहीं वियतनाम में लोगों का मानना था कि कोई मेंढक सूरज को निगल रहा है. 

जर्मनी की पौराणिक कथाओं में सूरज और चंद्रमा शादी-शुदा हैं. लिहाजा लोग मानते थे कि जब ये दोनों मिलते हैं तो सूर्य ग्रहण होता है. 

वहीं आर्कटिक क्षेत्र में रहने वाले लोग मानते थे कि सूरज-चांद दो भाई हैं. और जब ये लड़ते हैं तो ग्रहण होता है.

लेकिन भारत में लोगों की मान्यता है कि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के समय कुछ भी खाना या पीना नहीं चाहिए. इस दावे की हकीकत क्या है?

दरअसल, नासा ने यह स्पष्ट किया है कि ग्रहण के समय पकाया गया खाना या खुला छोड़ दिया गया खाना किसी भी तरह से जहरीला या खराब नहीं होता. 

नासा की एक्लिप्स प्रोग्राम मैनेजर केली कॉरेक कहती हैं कि ग्रहण के दौरान सूर्य की किरणों की रेडियेशन नहीं बदलती. पहले जैसी ही रहती है. 

नासा कहता है कि अगर ग्रहण से खाना प्रभावित होता तो खेतों और बगीचों में लगी फसलों पर भी इसका असर पड़ता.