तुलसी गबार्ड का भारत से नहीं कोई नाता

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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को अमेरिका की नेशनल इंटेलीजेंस एजेंसी का निदेशक नियुक्त किया है.

तुलसी गबार्ड 4 बार सांसद रह चुकी हैं. वह 2020 में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए उम्मीदवार थीं.

तुलसी गबार्ड पहले डेमोक्रेटिक पार्टी में थी, लेकिन बाद में वो रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हो गई थीं.

तुलसी गबार्ड दो दशकों तक अमेरिकी सेना का हिस्सा रही हैं. वह सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर काम कर चुकी हैं.

तुलसी गबार्ड का भारतीय धर्म और संस्कृति से काफी गहरा रिश्ता है. वह खुद को हिंदू मानती हैं और चुनाव जीतने के बाद गीता की शपथ लेती हैं.

अक्सर तुलसी गबार्ड को उनके नाम की वजह से लोग भारतीय समझ लेते है. लेकिन उनका भारत से कोई रिश्ता नहीं है.

तुलसी के जन्म से पहले उनकी मां कैरोल गबार्ड ने हिंदू धर्म अपना लिया था. बाद में तुलसी के माता-पिता परमहंस के भक्त बन गए थे.

तुलसी के माता-पिता ने अपने सारे बच्चों को हिंदू नाम दिए. तुलसी गबार्ड के भाई-बहन का नाम भक्ति, आर्यन, जय, और वृंदावन है.

43 साल की तुलसी अपने पांच भाई-बहनों में चौथे नंबर की हैं.  तुलसी भगवान कृष्ण की भक्त हैं.