इसमें एक व्यक्ति रिश्ते में होते हुए भी किसी दूसरे के लिए तैयार रहता है.
या ऐसे भी कह सकते हैं कि वह पहले से ही किसी को बैक-अप के तौर पर रखता है.
वह इस स्थिति में होता है कि अगर उसका रिश्ता टूट जाता है. तो वह उसके साथ रिश्ता बना लेगा जिसको उसने बेंच पर बिठा रखा है.
बैंचिंग अब इसलिए ज्यादा आम हो चुकी है क्योंकि ऑनलाइन डेटिंग का चलन चल चुका है.
किसी के साथ बैंचिंग का रिश्ता रखना उसकी भावनाओं के साथ खेलने जैसा है.
बैंचिंग करने का सामने वाले के ऊपर बुरा प्रभाव पड़ता है.
बैंचिंग के बचने के लिए जरूरी है कि पहले ही जान लें कि दूसरा आपके बारे में कैसे विचार रखता है.
अगर दूसरा आपके लिए सीरियस है. केवल तब ही रिश्ते को आगे बढ़ाए.
अगर आपका पार्टनर आपका सम्मान नहीं कर रहा है या केवल जरूरत के समय याद कर रहा है. तो हो सकता है कि आप बैंचिंग का शिकार हो रहे हों.