अक्सर कहा जाता है कि सभी को अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरना चाहिए.
इसे आप आईटीआर फॉर्म भरकर फाइल कर सकते हैं.
इसमें आप अपनी इनकम और संपत्ति को रिपोर्ट करते हैं. और आप जिस भी तरह का टैक्स भर रहे होते हैं उसका जिक्र इसमें करना होता है.
पर्सनल से लेकर फाइनेंशियल डाटा इसमें दिया जाता है. यानि आपने जितना भी निवेश किया है या जो खर्चों हुआ है ये उसका रिकॉर्ड होता है.
यह एक आधिकारिक दस्तावेज होता है जिसके माध्यम से आप अपनी आय के आधार पर जितनी भी लिमिट सरकार ने सेट की है उस इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं.
इनकम टैक्स लॉ के अनुसार कुछ कैटेगरी भी बनाई गई है, अगर आप उसमें आते हैं तो टैक्सपेयर्स को उतना टैक्स भरना होता है.
आईटीआर भरने के कई फायदे होते हैं जैसे आपको टैक्स बचाने के लिए निवेश करने के लिए भी मौका मिलता है.
इसके अलावा, यह आपके द्वारा जमा किए गए टैक्स का भी प्रमाण होता है जिसे आप आने वाले समय में इस्तेमाल कर सकते हैं.
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार आईटीआर भरने में अगर देर हो जाती है तो ऐसी स्थिति में ब्याज लगाया जा सकता है.
इसके अलावा, आईटीआर भरने से आपको आगे लोन मिलने में आसानी होती है.
अगर आपको किसी भी प्रकार की मदद चाहिए होती है तो आप किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) या टैक्स कंसल्टेंट से संपर्क कर सकते हैं.