(Photos Credit: Getty/PTI)
आगरा स्थित ताजमहल के 22 कमरों को लेकर वर्षों से रहस्य बना हुआ है. हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने इन कमरों के रिनोवेशन की तस्वीरें साझा की थीं, जिससे यह चर्चा फिर से तेज हो गई.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में इन कमरों को खोलने की मांग वाली याचिका दायर की गई थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई.
ताजमहल के पीछे यमुना नदी के पास से इन कमरों के दरवाजे दिखते हैं, जिन पर ताले लगे हैं. बताया जाता है कि ये तहखाने में बने हैं, जहां प्रवेश पर प्रतिबंध है.
1934 में भारतीय पुरातत्व विभाग ने इन तहखानों को खोला था, लेकिन उसके बाद ये दोबारा बंद कर दिए गए. हाल ही में एएसआई ने रिनोवेशन के लिए इन्हें खोला था.
कुछ लोगों का दावा है कि इन कमरों में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां मौजूद हैं, लेकिन इसका कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है.
इन 22 कमरों में 4 बड़े और 18 छोटे कमरे हैं. दिलचस्प बात यह है कि हर कमरे का रास्ता अलग है और एक कमरे से दूसरे में सीधे नहीं जाया जा सकता.
इतिहासकारों के अनुसार, मुगलकाल में हर इमारत से जुड़े दस्तावेज रखे जाते थे, लेकिन ताजमहल को लेकर बहुत कम ऐतिहासिक दस्तावेज मौजूद हैं.
मौजूद दस्तावेजों में केवल तीन पत्रों का जिक्र मिलता है—पहला पत्थरों की आवश्यकता के लिए, दूसरा कुशल कारीगरों के लिए, और तीसरा अन्य संसाधनों के लिए.
ASI का कहना है कि ये कमरे केवल संरचनात्मक मजबूती के लिए बनाए गए थे और इनमें कुछ भी रहस्यमय नहीं है, इसलिए इन्हें खोलने की जरूरत नहीं है.
हालांकि एएसआई ने रिनोवेशन की तस्वीरें साझा की हैं, लेकिन ताजमहल के 22 कमरों को लेकर लोगों की जिज्ञासा खत्म नहीं हुई है.