जानिए क्या होता है पितृ पक्ष, करने होते हैं ये कार्य

हमारे परिवार के जिन पूर्वजों का देहांत हो चुका है, उन्हें हम पितृ मानते हैं. 

जब तक किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका जन्म नहीं हो जाता वह सूक्ष्म लोक में रहता है.

ऐसा मानते हैं कि इन पितरों का आशीर्वाद सूक्ष्मलोक से परिवार जनों को मिलता रहता है.

पितृपक्ष में पितृ धरती पर आकर अपने लोगों पर ध्यान देते हैं और आशीर्वाद देकर उनकी समस्याएं दूर करते हैं.

पितृपक्ष में हम लोग अपने पितरों को याद करते हैं और उनकी याद में दान धर्म का पालन करते हैं. 

पितृपक्ष में हम अपने पितरों को नियमित रूप से जल अर्पित करते हैं. यह जल दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके दोपहर के समय दिया जाता है. 

जल में काला तिल मिलाया जाता है और हाथ में कुश रखा जाता है.

जिस दिन पूर्वज के देहांत की तिथि होती है, उस दिन अन्न और वस्त्र का दान किया जाता है.

उसी दिन किसी निर्धन को भोजन भी कराया जाता है और इसके बाद पितृपक्ष के कार्य समाप्त हो जाते हैं.