रूस का लूना 25 आज यानी 16 अगस्त को चांद की 100 किलोमीटर की कक्षा में पहुंचने वाला है. जबकि चंद्रयान 3 का लैंडर विक्रम आज प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो गया है.
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रूस का लूना 25 और भारत का चंद्रयान 3 में क्या अंतर है. चलिए बताते हैं कि इन दोनों देशों का मून मिशन कितना अलग है.
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भारत का चंद्रयान 23 अगस्त को चांद की सतह पर उतरेगा. जबकि रूस का लूना 25 अगस्त महीने की 21 तारीख को चांद पर उतरेगा.
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चंद्रयान 3 प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर है. जबकि लूना 25 सिर्फ 4 पैरों वाला लैंडर है.
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मून मिशन पूरा करने में लगने वाले समय में बड़ा अंतर है. भारत का चंद्रयान 40 दिन बाद चांद पर लैंड करेगा, जबकि रूस का लूना 25 सिर्फ 10 दिन में चांद की सतह पर होगा.
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भारत का चंद्रयान 14 दिन तक चांद की सतह पर रिसर्च करेगा. जबकि लूना 25 एक साल तक चांद की सतह पर काम करेगा.
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मिशन सफल रहा तो भारत चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दूसरा देश होगा. जबकि रूस का मिशन सॉफ्ट लैंडिंग वाला पहला देश होगा.
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भारत का चंद्रयान 3 ऑर्बिटर के जरिए धरती से संपर्क स्थापित करेगा. जबकि रूस का लूना 25 सीधे चांद की सतह से धरती से संपर्क करेगा.
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चंद्रयान 3 भारत का तीसरा मून मिशन है, जबकि लूना 25 रूस का 25वां मून मिशन है.
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भारत ने पहला मून मिशन चंद्रयान 1 साल 2008 में लॉन्च किया था, जबकि रूस ने 1959 में लूना 1 लॉन्च किया था.
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