रिवॉल्वर और पिस्टल में क्या फर्क है?

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रिवॉल्वर और पिस्टल दोनों ही हैंडगन होती हैं. लेकिन दोनों होती हैं अलग-अलग. इनमें क्या फर्क है? आइए समझते हैं. 

1. रिवॉल्वर में एक घूमने वाला सिलेंडर (revolving cylinder) होता है. इसमें 5-6 गोलियां लोड की जाती हैं. 

रिवॉल्वर में हर बार ट्रिगर दबाने पर सिलेंडर घूमता है और नई गोली फायरिंग पोजीशन में आती है. 

रिवॉल्वर आमतौर पर ज्यादा मजबूत और भरोसेमंद होती है, लेकिन इसमें रिलोडिंग मैनुअली करनी होती है, इसलिए थोड़ी धीमी होती है. 

रिवॉल्वर के उदाहरण हैं स्मिथ एंड वेसन और कोल्ट रिवॉल्वर. दुनिया की सबसे पुरानी रिवॉल्वर जर्मनी के हान्स स्टॉपलर ने 1597 में बनाई थी. 

इसके बरक्स, पिस्टल एक ज़्यादा आधुनिक हैंडगन है. दुनिया की सबसे पहली पिस्टल का पेटेंट 1891 में रजिस्टर हुआ था. 

पिस्टल में मैगज़ीन होती है, जो गोलियों को स्टोर करती है और ऑटोमैटिक या सेमी-ऑटोमैटिक मैकेनिज़म से काम करती है.

फायर करने पर पिस्टल स्लाइड अपने आप अगली गोली लोड करती है, जिससे तेजी से फायरिंग संभव है.

इसमें रीलोडिंग तेज होती है. हालांकि जटिल मैकेनिज़म के कारण यह कभी-कभी जाम हो सकती है. 

ग्लॉक और बरेटा आधुनिक पिस्टल्स के उदाहरण हैं. कुल मिलाकर, रिवॉल्वर का घूमने वाला सिलेंडर और पिस्टल की ऑटो-लोडिंग मैगज़ीन दोनों के बीच का फर्क हैं. 

पिस्टल में आपको भले ही ज़्यादा गोलियां और सेमी-ऑटोमैटिक मेकैनिज़्म मिलता है, लेकिन रिवॉल्वर सिंपल होने की वजह से ज्यादा सेफ है.