दूसरे विश्वयुद्ध के बाद चला था मिनिमलिज्म मूवमेंट

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एलन मस्क का ठिकाना इस समय ट्रंप का घर बना हुआ है. मस्क कई बार बता चुके हैं कि उनका अपना कोई परमानेंट घर नहीं है.

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साल 2020 से पहले उनके पास घर, गाड़ी सबकुछ होता था. लेकिन उन्होंने इन सबको बेच दिया और इन पैसों का इस्तेमाल मंगल पर कॉलोनी बसाने में करेंगे.

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एलन मस्क ने कई इंटरव्यूज में इसके लिए मिनिमलिज्म टर्म का इस्तेमाल किया. चलिए आपको बताते हैं कि ये टर्म कहां से आया और इसका क्या मतलब होता है.

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मिनिमलिज्म का मतलब कम सामान में गुजारा करना है. दूसरे विश्वयुद्ध के बाद मिनिमलिज्म मूवमेंट चलाया गया था.

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दूसरे विश्वयुद्ध में खूब तबाही मची थी. दुनिया में संसाधनों की कमी हो गई थी. इसके बाद लोगों का सोचने का तरीका बदला.

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संपत्ति जमा करने की आदत को रोकने के लिए आंदोलन चलाया गया. इसे ही मिनिमलिज्म कहा गया. इसमें जिंदगी को सरल रखने पर जोर दिया गया.

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इसकी शुरुआत न्यूयॉर्क के आर्ट गैलरी से हुई और ये कैंपेन लोगों के घरों तक पहुंच गया. लोगों ने सादगी से जीना शुरू कर दिया.

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कई लोगों ने घर छोड़ दिया, कई लोगों ने नौकरी छोड़ दी और कुछ जरूरी सामान के साथ अस्थाई ठिकानों में रहने लगे.

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हालांकि मिनिमलिस्ट गरीब नहीं थे. बल्कि वो अपनी शर्तों और अपनी मर्जी से जीने लगे. वो कम से कम सामान में जिंदगी गुजारने लगे.

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आज भी कई बिलेनियर साधारण जीवन जीते हैं. इसमें वॉरेन बफेट, जॉन पॉल जोन्स, जेफ बेजोस जैसे बिजनेसमैन शामिल हैं.

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