पीले रंग से ही क्यों पेंट किया जाता है स्कूल बस?

Image Credit: Bing AI

पीले रंग की बसें सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई दूसरे देशों में भी हैं. लेकिन आपने कभी सोचा है कि आखिर स्कूल बस का रंग पीला ही क्यों होता है? चलिए बताते हैं.

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लाल रंग के बाद पीला रंग एक ऐसा रंग है, जिसे सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाला रंग माना जाता है. यह दिन की रोशनी के साथ-साथ कोहरे में भी आसानी से दिखाई देता है.

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पीले रंग का Lateral Peripheral Vision बाकी रंगों की तुलना में 1.24 गुना ज्यादा होता है. जिसके कारण यह आसानी से दिखाई देता है.

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पीले रंग के बसों को सड़क पर दूसरे ड्राइवर, पैदल यात्री और साइकिल सवार आसानी से देख पाते हैं, जिससे हादसे का खतरा कम होता है.

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लाल रंग के बाद पीले रंग की वेवलेंथ सबसे ज्यादा होती है. वेवलेंथ ज्यादा होने के कारण इसका कलर बिखरता नहीं है और दूर तक दिखाई देता है.

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कई देशों में स्कूल बसों के लिए पीले रंग का इस्तेमाल इसलिए होता है, ताकि सभी स्कूल बसें एक जैसी दिखे और उन्हें आसानी से पहचाना जा सके.

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पीले रंग को खुशी और उत्साह का प्रतीक माना जाता है. यह बच्चों को स्कूल जाने के लिए उत्साहित करता है और उनको स्कूल बस में सुरक्षित महसूस कराता है.

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स्कूल वैन का रंग सुनहरा पीला हो, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश जारी किया है. यह रंग IS 5 -1994 के मुताबिक होना चाहिए.

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गाड़ी के चारों तरफ बीच में 150 मिमी चौड़ाई की हरे रंग की क्षैतिज पट्टी होगी. इसके साथ ही गाड़ी के चारों तरफ 'स्कूल बस' साफ लिखा होना चाहिए.

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