लाल पत्थरों और सफ़ेद संगमरमर से बना ताजमहल दुनिया के 7 अजूबों में एक है.
इसे देखने वाले हैरान रह जाते हैं. ये दुनिया के सबसे चर्चित पर्यटन स्थलों में भी शामिल है.
इसे भारत के 5वें मुगल बादशाह शाहजहां ने 1526 से 1761 तक भारत में मुगल साम्राज्य पर राज किया था.
इसी बीच उन्होंने 1631 में यमुना नदी के किनारे अपनी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण करवाना शुरू किया, जो 1653 में बनकर तैयार हुआ.
ताजमहल के निर्माण का कार्य 20,000 से अधिक मजदूरों ने किया था. उस समय ताजमहल के निर्माण में 3.2 करोड़ रुपए का खर्च हुए थे.
ताजमहल के चमेली फर्श के नीचे मौजूद 22 कमरे 89 सालों से बंद है, जिन्हें आखिरी बार साल 1934 में खोला गया था.
साथ ही बेसमेंट में नीचे जाने के लिए दो जगह सीढ़ियां बनी हुई हैं, इनके ऊपर लोहे का जाल लगाकर बंद कर दिया है.
इतिहासकारों के अनुसार, इन कमरों को ताजमहल के बेसमेंट को खराब होने से बचाने के लिए बंद किया हुआ है.
ये कमरे सफेद मार्बल से बने हैं और अगर यहां कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है तो वो कैल्शियम कार्बोंनेट में बदलकर कमरों को खराब कर सकती है.
इतिहासकारों के अनुसार, ताजमहल की दीवारों को नुकसान से बचाने के लिए यहां के तहखानों को बंद कर दिया गया था.