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अगर कोई स्पेस (अंतरिक्ष) में बिना सुरक्षा उपायों के खो जाए, तो कुछ ही सेकंड में ऑक्सीजन की कमी से बेहोश हो जाएगा.
स्पेस में वायुमंडल नहीं होने के कारण सांस लेना असंभव हो जाएगा, जिससे कुछ ही मिनटों में मौत हो सकती है.
तापमान बेहद चरम पर होता है. धूप में शरीर 120°C तक गरम हो सकता है, जबकि छाया में -100°C तक ठंडा हो सकता है.
शरीर के अंदर मौजूद गैसें और तरल पदार्थ दबाव न होने के कारण फैलने लगते हैं, जिससे त्वचा और फेफड़ों को नुकसान हो सकता है.
खून उबलने लगेगा क्योंकि अंतरिक्ष में हवा का दबाव नहीं होता, जिससे शरीर का तापमान संतुलित नहीं रह पाएगा.
अगर कोई स्पेससूट पहने हुए है और खो जाता है, तो भी ऑक्सीजन खत्म होने के बाद जीवन संभव नहीं रहेगा.
बिना किसी वस्तु या स्पेसक्राफ्ट के सहारे कोई वापस नहीं आ सकता, क्योंकि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बेहद कमजोर होता है.
स्पेस में कोई आवाज नहीं होती, इसलिए अगर कोई मदद के लिए चिल्लाए भी, तो कोई नहीं सुन पाएगा.
अगर कोई ब्लैक होल के पास खो जाए, तो उसका गुरुत्वाकर्षण शरीर को खिंचकर नष्ट कर सकता है.
वैज्ञानिकों के अनुसार, बिना सुरक्षा के अंतरिक्ष में जीवित रहने की अधिकतम संभावना सिर्फ 15 सेकंड तक होती है.
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