रतन टाटा ने एक पुराने वीडियो में एक गैंगस्टर का सामना करने और उससे जीतने की पूरी घटना का जिक्र किया था.
यह घटना साल 1980 के आस-पास की है. जब रतन टाटा ने टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला ही था और इस जिम्मेदारी को उठाए उनको महज 15 दिन ही बीते थे.
एक गैंगस्टर उनकी कंपनी टाटा मोटर्स से रंगदारी वसूलने की कोशिश कर रहा था.
रतन टाटा ने एक वीडियो में कहा था की एक गैंगस्टर उनकी यूनियन पर कब्जा करना चाह रहा था और उसे नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रहा था. उसके लगभग 200 अन्य लोग भी थे, जो बेहद ही हिंसक और डराने वाले थे.
रतन टाटा ने बताया था कि इस गैंगस्टर ने यूनियन पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए हड़ताल का आह्वान किया था. इससे टाटा मोटर्स के कर्मचारियों को अपनी सुरक्षा के डर से परिचालन बंद करना पड़ा था.
रतन टाटा ने वीडियो में बताया है की मामले की गंभीरता को देखते हुए वह खुद कई दिनों तक प्लांट में रुके और कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियां जारी रखने और प्रोडक्शन शुरू करने के लिए मना लिया.
गैंगस्टर टाटा मोटर्स के लगभग 400 कर्मचारियों पर हमला करने के लिए अपने साथ लोगों को लाया था और पुलिस भी उसकी जेब में थी. इसके बावजूद भी रतन टाटा मजबूती से उसका सामना करने के लिए खड़े रहे.
रतन टाटा ने बताया था की उस गैंगस्टर को खुश करने के लिए बहुत सारी सलाह उन्हें दी गई लेकिन इसके बाद भी उन्होंने उस गैंगस्टर का सामना करना ही सही समझा.
रतन टाटा ने बताया था की यदि वह ऐसा नहीं करते तो टाटा मोटर्स की यूनियन पूरी तरह एक गैंगस्टर यूनियन में बदल जाती. रतन टाटा ने बेखौफ होकर गैंगस्टर का सामना किया था जिसके कारण आखिरकार उस गैंगस्टर को पकड़ लिया गया था.