आख‍िर कहां से आए थे ताजमहल बनाने वाले मजदूर

लाल पत्थरों और सफ़ेद संगमरमर से बना ताजमहल दुनिया के 7 अजूबों में एक है.

इसे देखने वाले हैरान रह जाते हैं. ये दुनिया के सबसे चर्चित पर्यटन स्थलों में भी शामिल है.

इसे भारत के 5वें मुगल बादशाह शाहजहां ने 1526 से 1761 तक भारत में मुगल साम्राज्य पर राज किया था.

इसी बीच उन्होंने 1631 में यमुना नदी के किनारे अपनी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण करवाना शुरू किया, जो 1653 में बनकर तैयार हुआ.

ताजमहल के निर्माण का कार्य 20,000 से अधिक मजदूरों ने किया था. उस समय ताजमहल के निर्माण में 3.2 करोड़ रुपए का खर्च हुए थे.

ताजमहल को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि इसका निर्माण यूं ही नहीं हुआ. आइए जानें कि ताजमहल बनाने वाले मजदूर कहां से आए थें.

निर्माण के लिए राजमिस्त्री, पत्‍थर काटने वाले, बढ़ई, चित्रकार, गुंबद बनाने वाले और अन्‍य कारीगरों को मुगल साम्राज्य, मध्‍य एशिया और ईरान से बुलाया गया था.

इसके मुख्‍य वास्‍तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी थे.