12 अप्रैल को देशभर में हनुमान जयंती मनाई जाएगी.
हनुमान जी कलियुग के संकटों को पार करने में हर उस मनुष्य की सहायता करते हैं.
माना जाता है कि हनुमान जी कलियुग में भी सशरीर निवास करते हैं.
हनुमान जी कलयुग में गंधमादन पर्वत पर विराजमान हैं, जो कि कैलाश पर्वत के उत्तर में स्थित है.
गंधमादन पर्वत का उल्लेख रामायण में किया गया है. जब भगवान राम ने हनुमान जी से सुग्रीव को सहायता देने का आदेश दिया, तब हनुमान जी ने गंधमादन पर्वत की यात्रा की थी.
यह माना जाता है कि हनुमान जी ने इस पर्वत पर ध्यान और तपस्या की थी, और यहीं से उन्होंने अपनी शक्ति को बढ़ाया था.
गंधमादन पर्वत के आसपास कुछ अद्भुत औषधियां और पौधे होते हैं, जो जीवनदायिनी होते हैं.
हनुमान जयंती पर हनुमान जी की पूजा और आराधना का विशेष महत्व है, इस दिन विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना होती है.