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90 के दशक में जन्मे भारतीयों ने कभी न कभी बंटा बोतल पी ही है.
उदारीकरण से पहले जब कोका कोला और पेप्सी जैसी कंपनियों ने भारतीय बाज़ार पर कब्ज़ा नहीं किया था तब यह शहरों में बेहद लोकप्रिय थी.
दिल्ली जैसे महानगरों की सड़क पर बंटा बोतल उर्फ कंचा बोतल मिल ही जाती थी. मानो कि यह भारत की पहचान थी.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय पॉप कल्चर का हिस्सा रही बंटा बोतल की ईजाद दरअसल भारत में नहीं हुई थी?
दरअसल बंटा बोतल की ईजाद यूनाइटेड किंगडम के हीराम कॉड ने की थी. उन्होंने अपने नाम पर ही इसका नाम भी रख लिया.
कैम्बरवेल, लंदन के कोल्ड ड्रिंक निर्माता हीराम कॉड ने 1872 में कॉड-नेक बोतल का डिजाइन तैयार किया और उसका पेटेंट कराया.
बोतल को विशेष रूप से कार्बोनेटेड ड्रिंक्स के लिए डिज़ाइन किया गया था. जिसमें आंतरिक दबाव को झेलने के लिए मोटा ग्लास और गर्दन में एक संगमरमर और एक रबर वॉशर रखने के लिए जगह बनाई गई थी.
कॉड-नेक बोतल पूरे ब्रिटिश साम्राज्य में लोकप्रिय हो गई और अभी भी भारत और जापान सहित दो देशों में इसका उत्पादन होता है.
भारत में इसे बंटा जबकि जापान में रामुने कहा जाता है.