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पहले जब भी चेस की बात आती थी तो सिर्फ पुरुषों का जिक्र होता था. अब शतरंज में महिलाओं ने अच्छी-खासी पैठ जमा ली है.
चेस प्लेयर भाग्यश्री साठे शतरंज में ग्रैंडमास्टर खिताब जीतने वालीं भारत की पहली महिला हैं. उन्होने ये कारनामा 28 अगस्त 1986 को किया था.
भाग्यश्री साठे को भागश्री थिप्से के नाम से भी जाते हैं. आइए भाग्यश्री साठे के बारे में जानते हैं.
1. भाग्यश्री थिप्से चेस प्लेयर हैं. भाग्यश्री का जन्म 4 अगस्त 1961 को हुआ था. 1986 में उन्होंने चेस ग्रैंडमास्टर का खिताब अपने नाम किया.
2. भाग्यश्री को चेस खेलना उनके पिता ने सिखाया और 12 साल की उम्र से ही वे अपने परिवार के साथ चेस खेलने लगी. 12 की पढ़ाई पूरी करने के बाद भाग्यश्री ने चेस में अपना करियर बनाने का सोचा.
3. भाग्यश्री ने अपने करियर के शुरुआत से ही एक भी चेस ओलंपियाड में भाग लेना नहीं छोड़ा. उन्होंने 9 चेस ओलंपियाड में भारत का प्रतिनिधित्व किया.
4. भाग्यश्री साठे की शादी प्रवीण थिप्से से हुई जो खुद एक चेस प्लेयर हैं. शादी के बाद भाग्यश्री ने अपना सरनेम बदलकर भागश्री थिप्से कर लिया.
5. भाग्यश्री ने कई सारे खिताब अपने नाम किए. उन्होंने पांच बार इंडियन वुमन चैंपियनशिप भी जीती है.
6. 1984 में ब्रीगटन में हुई ब्रिटिश लेडीज चैम्पियनशिप में भाग्यश्री वसंती उन्नु के साथ जॉइंट विजेता रहीं. 1991 में भाग्यश्री साठे ने भोपाल में एशियन वुमन चैंपियनशिप भी जीती.
7. भाग्यश्री को शानदार खेल की वजह से साल 1986 में पद्मश्री दिया गया. वहीं 1987 में अर्जुन अवार्ड से भी नवाजा गया.