उत्तर प्रदेश में IPS प्रभाकर चौधरी आम जनता के बीच काफी पॉपुलर हैं. कल रात ही उनका एसएसपी बरेली से 32वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ के सेनानायक पद पर ट्रांसफर हुआ है.
प्रभाकर चौधरी साल 2010 बैच के IPS अधिकारी हैं और मूल रूप से अंबेडकरनगर के रहने वाले हैं.
दिलचस्प बात यह है कि प्रभाकर चौधरी ने पहले ही प्रयास में सिविल सर्विसेज का एग्जाम पास कर लिया था और उन्हें अपना होम कैडर उत्तर प्रदेश ही मिला था.
IPS प्रभाकर चौधरी को लोग उनकी ईमानदारी, साहस और काम करने के अलग तरीके के लिए जानते हैं और इसके लिए पसंद भी करते हैं.
सबसे ज्यादा हैरानी की बात है कि अब तक की 11 साल की नौकरी में, IPS प्रभाकर का 31 बार ट्रांसफर हो चुका है.
इतने ट्रांसफर होने के कारण लोग अक्सर उन्हें यूपी का 'अशोक खेमका' भी कहते हैं. हम सब जानते हैं कि IAS अशोक खेमका के भी अपनी ईमानदारी और साहस के कारण अक्सर ट्रांसफर होते हैं. 30 साल के करियर में उनके 56 ट्रांसफर हो चुके हैं.
IPS प्रभाकर देवरिया, बिजनौर, बलिया, बुलंदशहर, और कानपुर देहात आदि में बतौर SP सेवा दे चुके हैं तो वहीं वाराणसी, मुरादाबाद, मेरठ और आगरा में बतौर ASP काम किया है.
एक खास बात यह भी है कि IPS प्रभाकर ने सिर्फ मेरठ में एक साल का कार्यकाल पूरा किया था. इसके अलावा, बाकी सब जगह से उनका ट्रांसफर मात्र 6-7 महीने के अंदर कर दिया गया.
IPS प्रभाकर के काम करने का तरीका उन्हें बाकी सबसे अलग करता है. बताते हैं कि वह जमीन से जुड़कर काम करते हैं और सरकारी नौकरी का गलत फायदा नहीं उठाते हैं.
बहुत बार वह आम नागरिकों के रूप में शहर में घूमकर स्थिति का जायजा लेते हैं और लोगों की समस्याएं समझते हैं.
एक बार वह सरकारी गाड़ी की बजाय आम इंसान की तरह बस पकड़कर और फिर टैंपो करके SP बंगले पर पहुंच गए थे. यहां जब उन्होंने अपनी पहचान बताई तो हर कोई उन्हें इस तरह देखकर हैरान रह गया.