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आजादी से बहुत पहले, साल 1868 में एक ट्रेडिंग फर्म से शुरू हुआ टाटा समूह देश के कुल जीडीपी में भी करीब दो फीसदी का भागीदार है.
जमशेदजी टाटा के द्वारा खड़े किए गए इस विशाल कारोबारी सम्राज्य में करीब 9,35,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं.
टाटा समूह का कुल मार्केट कैप करीब 240 अरब डॉलर या करीब 21 ट्रिलियन रुपये है. देश में इस 157 साल पुराने ग्रुप की 17 कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड हैं.
1991 में टाटा ग्रुप की कमान संभालने के बाद लंबे समय तक अपनी काबिलियत के दम पर रतन टाटा ने कारोबार को बहुत बढ़ाया.
रतन टाटा ने टाटा संस के अध्यक्ष पद से 2012 में ही इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद इसकी कमान साइरस मिस्त्री के हाथों में आ गई थी.
2016 में साइरस मिस्त्री को पद से हटा दिया गया. उसके बाद रतन टाटा ने फिर से ग्रुप की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली.
2017 में रतन टाटा ने रिटायरमेंट ले लिया और नटराजन चंद्रशेखरन को टाटा समूह का अध्यक्ष बना दिया गया.
टाटा संस टाटा ग्रुप का मुख्य प्रमोटर और प्रिंसिपल इन्वेस्टर है.
टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट की है, जो एजुकेशन, हेल्थ, आर्ट, कल्चर जैसे क्षेत्रों में काम कर रहा है.
रतन टाटा के इस्तीफा देने के बाद से ही चेयरमैन के रूप में एन चंद्रशेखरन ही ग्रुप की कंपनियों का संचालन देख रहे हैं.