(Photo Credit: Unsplash)
आपने कभी न कभी ताजमहल का दीदार जरूर किया होगा या फोटो में या वीडियो में जरूर देखा होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताजमहल में लाइटें नहीं लगाई जाती ?
आखिर इसके पीछे का कारण क्या है ? क्योंकि देश के बाकी ऐतिहासिक स्मारकों को समय-समय पर रोशनी से नहलाया जाता है लेकिन ताजमहल को नहीं.
न कभी ताजमहल को बाकी स्मारकों की तरह सजाया जाता है और न ही किसी तरह की कोई लाइटिंग की जाती है.
वजह बताएं उससे पहले आप जान लें कि अब लाइटिंग नहीं होती लेकिन पहले कई बार ताजमहल को रोशन किया जा चुका है.
पहली बार 1945 में न सिर्फ ताजमहल रोशनी से नहाया था बल्कि यहां उत्सव का भी आयोजन किया गया था.
बता दें कि 1945 में पहली बार तो 1997 में ताजमहल पर आखिरी बार लाइटिंग की गई थी.
1997 में मशहूर यूनानी पियानो वादक यान्नी के शो के दौरान लाइटिंग की गई थी और इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी किया गया था.
लेकिन कार्यक्रम के एक दिन बाद वहां कई कीड़े मरे हए मिले. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने सर्वे में पाया कि इन कीड़ों से ताजमहल को नुकसान पहुंचता है. संगमरमर पर निशान रह जाते हैं.
यही वजह है कि 1997 के बाद से लाइटिंग बंद कर दी गई.