पुराणों के अनुसार, नंदी शिव के वाहन तथा अवतार भी हैं जिन्हे बैल के रूप में शिवमन्दिरों में प्रतिष्ठित किया जाता है.
भगवान शिव ने स्वयं नंदी को यह आशीर्वाद दिया था कि जहां-जहां मैं विराजमान रहूंगा, वहां तुम भी विराजमान रहोगे. इसलिए शिवालयों में मुख्य रूप से नंदी पाए जाते हैं.
ऐसा माना जाता है कि नंदी के कान में अपने मन की इच्छा कहने से व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है.
आइए जानते हैं कि नंदी के कान में मनोकामना क्यों बोली जाती है.
शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव अधिकतर समय तपस्या में लीन रहते हैं. ऐसे में नंदी वहां तैनात रहते हैं ताकि महादेव की तपस्या में किसी प्रकार का विघ्न न आए.
इसलिए भगवान शिव तक अपनी मनोकामना पहुंचाने के लिए नंदी के कान में अपनी कामना कही जाती है.
एक पुरानी मान्यता के अनुसार, स्वयं भगवान शिव ने नंदी को वरदान दिया था कि जो तुम्हारे कान में आकर अपनी मनोकामना कहेगा, उसकी हर इच्छा जरूर पूरी होगी.
कहा जाता है की व्यक्ति को अपनी मनोकामना नंदी के बाएं कान में बोलनी चाहिए. बाएं कान में मनोकामना बोलने का अधिक महत्व है.