मृत्यु अटल सत्य है, इसे टाला नहीं जा सकता है.
धरती पर जिसका भी जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है.
हिंदू धर्म में व्यक्ति की मृत्यु के बाद कई अनुष्ठान किए जाते हैं. इनमें से एक है अस्थियों को गंगा में विसर्जित करना.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अस्थियों को गंगा में प्रावहित करने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है.
दाह संस्कार करने पर शरीर पांच तत्वों में विलीन हो जाता है.
इसके बाद अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया जाता है ताकि मृत व्यक्ति पूरी तरह इस संसार से मुक्त हो जाए.
गंगा को मोक्षदायिनी माना गया है. इसलिए पवित्र नदी गंगा में अस्थियां विसर्जन करने से मृत व्यक्ति पाप मुक्त हो जाता है.
इसलिए हर साल करोड़ों की संख्या में लोग हरिद्वार और वाराणसी अस्थि विसर्जन के लिए आते हैं.