चुनाव आयोग की स्याही मिटती क्यों नही?

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भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. और लोकतंत्र की पहचान हमारे देश में होने वाले चुनावों से है. 

इन चुनावों में खास पहचान है हर वोटर की उंगली पर लगने वाली स्याही की. 

लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि यह स्याही मिटती क्यों नहीं है?

दरअसल जब आज़ाद भारत में पहली बार चुनाव करवाए गए तो हर किसी के पास पहचान पत्र नहीं था. और लोगों की एक सूची तैयार करना बहुत मुश्किल था.

ऐसे में भारत के लीडर्स ने फैसला किया कि डबल-ट्रिपल वोटिंग से बचने के लिए उन्हें अपने मतदाताओं को कोई निशानी देनी होगी. 

इसी की वजह से मतदाताओं की उंगलियों पर यह स्याही लगाने का फैसला किया गया. 

मैसूर वार्निश एंड पेंट्स नाम की कंपनी भारत में वोटिंग वाली स्याही तैयार करती है. 

इस स्याही में क्या डाला जाता है, यह जानकारी गुप्त रखी गई है ताकि कोई और इस स्याही को न बना सके. 

हालांकि यह स्पष्ट है कि इस स्याही में सिल्वर नाइट्रेट होता है जो त्वचा के कॉन्टैक्ट में आते ही बैंगनी रंग का हो जाता है. और हल्की रोशनी में भी सूख जाता है.