जानिए सुबह क्यों दी जाती है फांसी?

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भारत में गंभीर और जघन्य अपराधों के लिए फांसी की सजा सुनाई जाती है. भारतीय न्याय संहिता (BNS) में इसका प्रावधान है.

भारत के अलावा कई देशों में क्राइम के लिए फांसी दी जाती है. अलग-अलग देशों में मौत की सजा देने के तरीके अलग होते हैं.

भारत में अपराधी को फांसी की सजा हमेशा सुबह दी जाती है. आइए जानते हैं आखिरी इसकी क्या वजह है?

1. भारत में अंग्रेजों के जमाने से अपराधी को सूरज निकलने से पहले ही फांसी दी जाती है. तब से ऐसा ही चलता आ रहा है.

2. इंडिया की जेल मैन्यूल में फांसी के समय के बारे में साफ-साफ बताया गया है. मैन्यूल के अनुसार, फांसी सुबह दे देनी चाहिए.

3. मौसम की वजह से कभी-कभी फांसी का समय बदल जाता है. इसका फैसला केन्द्र सरकार और राज्य सरकार करती है.

4. जेलों में सभी काम दिन में होते हैं. फांसी का समय सुबह इसलिए रखा जाता है ताकि जेल के कामों में कोई अड़चन ना आएं.

5. फांसी पर अपराधी कितनी देर लटका रहेगा. इसका कोई तय समय नहीं है. आम तौर पर क्रिमिनल फांसी पर 10 मिनट तक लटका रहता है.

6. जिस दिन फांसी होती है. उसे दिन क्रिमिनल को सुबह तीन बजे उठाया जाता है ताकि वो अपने सारे काम निपटा ले.

7. फांसी से 10-15 दिन पहले मंच तैयार किया जाता है. फांसी का ये प्लेटफॉर्म जमीन से लगभग 4 फीट ऊंचा होता है.

8.  फांसी के लिए टी शेप का खंभा बनाया जाता है. इसी खंभे पर रस्सी का फंदा लटकाया जाता है.