हनुमान जी ने पंचमुखी रूप क्यों धारण किया था?

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बजरंगबली के पास अथाह शक्ति थी. लेकिन वो इस शक्ति का इस्तेमाल भगवान राम का आज्ञा के बिना नहीं करते थे.

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हनुमान जी ने भगवान राम और लक्ष्मण की जान बचाने के लिए पंचमुखी रूप धारण किया था. चलिए आपको ये पूरी कहानी बताते हैं.

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हनुमान जी ने भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को अहिरावण से बचाने लिए पंचमुखी रूप धारण किया था.

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अहिरावण को वरदान था कि जो कोई भी 5 दीपकों को एक साथ बुझा पाएगा, वही उसका वधन कर सकता है.

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अहिरावण को मारने के लिए हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धारण किया और एक साथ पांचों दीपक बुझा दिए.

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हनुमान जी के 5 मुखों में वानर मुख, गरुड़ मुख, वराह मुख, नृसिंह मुख और अश्व मुख थे.

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अहिरावण लंकापति रावण का भाई था. जब भगवान राम से युद्ध में रावण हारने लगा तो उसने युद्ध के लिए अपने भाई को बुलाया.

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अहिरावण के पास मायावी शक्तियां थीं. इसकी मदद से उसने श्रीराम की पूरी सेना को नींद में सुला दिया.

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अहिरावण ने भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया और उनको लेकर पाताल लोक में चला गया. इसके बाद हनुमान जी ने अहिरावण का वध किया.

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