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हिंदू धर्म में राजा-महाराजा के समय से चलती आ रही 16 संस्कार में से एक कर्ण छेदन परंपरा भी है. इसलिए सनातन धर्म में अभी भी इस परंपरा का पालन होता हैं.
पहले के समय में बचपन में ही छोटे बच्चों के कान छिदवा दिए जाते थे. जो आजकल इस मॉडर्न जमाने में युवाओं के बीच ट्रेंड बनता जा रहा है.
बिजनेसमैन, बॉलीवुड स्टार से लेकर कई खिलाड़ी भी कान में बाली पहनते हैं. तो चलिए जानते है आखिर क्यों कान में बाली पहनते है लड़के और कान छिदवाने के फायदों के बारे में.
धार्मिक मान्यता के मुताबिक पुरुष अगर अपना कान छिदवाते हैं और कानों में सोने या तांबे की बाली को पहनते है तो वो बुरी ऊर्जा से बचे रह सकते है.
ग्रंथों के अनुसार माना जाता है कि जिन पुरुषों के कान छिदे होते हैं उनकी सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है और साथ ही बुद्धि का विकास होता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कान में बाली पहनने से राहु और केतु ग्रह का गलत प्रभाव कम होता है. राहु-केतु के मजबूत होने से व्यक्ति को धन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलता है और समाज में मान-सम्मान भी बढ़ता है.
कानों में बाली पहनना बहादुरी को भी दिखाता है क्योंकि ईयर लोब को शरीर का सबसे नाजुक अंग माना जाता है. कान छिदवाने से मन शांत भी रहता है.
लड़कों को कानों में बाली इसलिए भी पहनना चहिए क्योंकि इससे दिमाग में चल रहे नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा ये करने से पुरुषों का मनोबल भी बढ़ता है.
कान छिदवाने से व्यक्ति के चेहरे पर निखार आता है. इससे आंखों की रोशनी भी तेज होती है.