खजूर से ही क्यों खोला जाता है रोज़ा?

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रमज़ान के महीने में दुनियाभर के मुसलमान रोज़ा रखते हैं. यानी सुबह से शाम तक भूखे-प्यासे रहते हैं.  

शाम का वक्त आते ही मुसलमान अपना रोज़ा खोलने की तैयारी करते हैं. सूरज ढलने पर वे अपना रोज़ा खोलते हैं. 

मुसलमान जब रोज़ा खोलते हैं तो उसे इफ्तार कहा जाता है. इस वक्त मुसलमान पौष्टिक और हल्का खाना पसंद करते हैं. 

दुनियाभर के मुसलमानों का इफ्तार भले ही अलग-अलग हो, लेकिन वे अपना इफ्तार शुरू एक खजूर से ही करते हैं. 

क्या आप जानते हैं कि मुसलमान अपना रोज़ा खजूर से ही क्यों खोलते हैं? 

दरअसल पैगंबर मोहम्मद (स.अ.) अपना रोज़ा खजूर से खोला करते थे. उन्होंने मुसलमानों से भी अपना रोज़ा खजूर से खोलने के लिए कहा है. 

पैगंबर मोहम्मद (स.अ.) ने कहा है कि अगर खजूर न हों तो रोज़ा पानी से खोला जाए. खजूर में बरकत है. जबकि पानी पाकी का ज़रिया है. 

खजूर एक ऐसा फल है जिसमें पोषक तत्व भारी मात्रा में होते हैं. इसमें कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, मैग्नीशियम और आयरन होता है. 

पैगंबर मोहम्मद (स.अ.)  ने मुसलमानों से एक दिन में सात खजूर खाने के लिए भी कहा है.