पूरे देश में विजयादशमी का त्योहार जोर-शोर से मनाया जाता है.
इस दिन कुछ ऐसी परंपराएं भी निभाई जाती हैं, जिनसे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है.
इन्हीं में से एक है पान खाना. दशहरे के दिन पान खाने के कुछ वैज्ञानिक तो कुछ धार्मिक महत्व भी हैं.
आइए जानते हैं कि आखिर दशहरे के दिन पान खाने को शुभ क्यों माना जाता है.
पान को प्रेम और जीत का प्रतीक माना गया है. साथ ही बीड़ा शब्द का भी अपना विशेष महत्व है, जिसे कर्तव्य के रूप में बुराई पर अच्छाई की जीत से जोड़कर देखा जाता है.
इस वजह से दशहरे पर रावण दहन के बाद पान का बीड़ा खाया जाता है.
इस समय मौसम में बदलाव होता है, जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
ऐसे में पान खाना सेहत के लिए अच्छा होता है, ये सभी तरह की संक्रामक बीमारियों से आपकी रक्षा करता है.
नवरात्रि में कई लोग 9 दिन का उपवास करते हैं. इससे जाहिर तौर पर पाचन क्रिया प्रभावित होती है. ऐसे में पान खाने से भोजन पचाने में आसानी होती है.
दशहरे के दिन पान खाकर लोग असत्य पर हुई सत्य की जीत की खुशी मनाते हैं, लेकिन इस बीड़े को रावण दहन से पूर्व हनुमान जी को चढ़ाया जाता है.
इसके अलावा वैज्ञानिकों मान्यता ये है कि पान खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.