बेंगलुरु को क्यों कहते हैं भारत की सिलिकॉन वैली

बेंगलुरु भारतीय राज्य कर्नाटक की राजधानी है. यह दक्षिण भारत में दक्कन पठार पर स्थित है.

बेंगलुरु आईटी कैपिटल से पहले देश की इलेक्ट्रॉनिक कैपिटल और उससे पहले देश का साइंस हब बना.

1970 के दशक की शुरुआत में, कर्नाटक राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर.के. बलीगा ने एक इलेक्ट्रॉनिक शहर विकसित करने की अवधारणा का प्रस्ताव रखा था.

ऐसा कहा जाता है कि  इलेक्ट्रॉनिक सिटी आर.के. बलीगा के दिमाग की उपज है. वह भारत की सिलिकॉन वैली बैंगलोर को बनाना चाहते थे.

समय के साथ इस शहर ने अंतर्राष्ट्रीय आधारित प्रौद्योगिकीयों के विकास को देखा, जिसके परिणामस्वरूप 'डॉटकॉम बूम' हुआ.

इस समय में स्थानीय और विदेशी आईटी कंपनियों की स्थापना के साथ बैंगलोर (अब बेंगलुरु) का आईटी उद्योग बढ़ गया.

20वीं शताब्दी के लास्ट से यह शहर उच्च-प्रौद्योगिकी उद्योग (विशेष रूप से ICT) का केंद्र बन गया, और कई बड़े बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी निगमों ने यहाँ कार्यालय खोले.

इसके अलावा, इन्फोसिस और विप्रो जैसी प्रमुख डोमेस्टिक कंपनियों ने शहर में मुख्यालय स्थापित किया.

1998 में सेंट्रल बेंगलुरु से लगभग 10 मील (16 किमी) पूर्व में वाइटफील्ड के उपनगर में एक ICT पार्क खोला गया.

सैकड़ों प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर और दूरसंचार कंपनियों के साथ एक आत्म-निहित शहर के रूप में, पार्क भारत की सिलिकॉन वैली के रूप में जाना जाता है. यह 2007 में ग्रेटर बेंगलुरु का एक जिला बन गया.

देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) निर्यातक के रूप में अपनी भूमिका के कारण बेंगलुरु "भारत की सिलिकॉन वैली" या "भारत की आईटी राजधानी" के रूप में जाना जाता है.

इस शहर में भारतीय तकनीकी संगठन इसरो, इंफोसिस, विप्रो और एचएएल का मुख्यालय है.