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प्रयागराज में गंगा, यमुना, और सरस्वती नदियों का संगम होता है. इसे त्रिवेणी संगम कहते हैं.
हालांकि त्रिवेणी में गंगा-यमुना का मिलन तो साफ दिखता है लेकिन सरस्वती नदी को अदृश्य माना जाता है.
देश और दुनिया से लाखों-करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करने पहुंच रहे हैं और गंगाजल भर कर ला रहे हैं.
ग्रंथों में गंगा को देव नदी कहा गया है, जिसका पानी कभी खराब नहीं होता है. क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है.
गंगा नदी के पानी में वातावरण से ऑक्सीजन सोखने की क्षमता होती है. इसके पानी में प्रचुर मात्रा में गंधक भी होता है, इसलिए यह लंबे समय तक खराब नहीं होता है.
कई शोधों से पता चला है कि गंगा के पानी में बैक्टीरिया को मारने का अद्भुत गुण है.
माना जाता है कि संगम में स्नान करने मात्र से पापों का नाश होता है और अनंत पुण्यफल की प्राप्ति होती है.
मान्यता है कि घर में गंगाजल रखने से विपत्ति नहीं आती है.