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हिन्दू धर्म में व्रत का एक खास ही महत्व होता है. व्रत से जुड़ी कई मान्यताएं भी हैं.
हमने हमेशा से सुना है कि व्रत में केवल सेंधा नमक ही खाना चाहिए. इससे आपके व्रत नहीं टूटता है. लेकिन इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं.
नवरात्र में लोग नौ दिनों तक उपवास करते हैं, तब शरीर को नमक की जरूरत पड़ती है. ऐसे समय में सेंधा नमक का प्रयोग फलाहार में किया जाता है.
साधारण नमक को समुद्र के पानी से तैयार किया जाता है. जिसे कई तरह की रिफाइन प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है.
सेंधा नमक को हिमालय में मिलने वाले पिंक पत्थरों को पीसकर बनाया किया जाता है. इसे बनाने में किसी भी तरह की मिलावट नहीं होती.
प्राकृतिक रूप से मिलने की वजह से इसे शुद्ध माना जाता है. और फल की तरह ही प्राकृतिक माना जाता है.
विज्ञान के नजरिए से देखें तो सेंधा नमक हल्का और पाचन के लिए अच्छा माना जाता है.
साधारण नमक की तुलना में सेंधा नमक में सोडियम की मात्रा बहुत कम होती है, जो कि दिल से जुड़ी बीमारी और हड्डियों को स्वस्थ रखने में मददगार होता है.
भूख पर नियंत्रण पाने के साथ ये वजन कम करने में भी मददगार होता है.
साथ ही सेंधा नमक शरीर में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन हार्मोन संतुलित रखता है, जिससे तनाव नहीं होता.
नोट- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.