देश में कार खरीदने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.
2022 में 2021 के मुकाबले कारों की बिक्री 23 प्रतिशत ज्यादा रही और कुल 37.93 लाख यूनिट कारें बिकी.
टोयोटा की कारों ने तो 2022 में पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. वहीं स्कोडा की कार 2021 के मुकाबले दो गुना ज्यादा बिकी.
अगर कलर की बात करें तो भारत में हर दूसरी कार सफेद रंग की दिखती है. और 2022 में भी सबसे ज्यादा बिक्री सफेद रंग के कारों की रही.
लेकिन ऐसी क्या वजहें हैं जो भारत में लोग सफेद रंग की कार ही खरीदते हैं. चलिए जानते हैं.
सफेद कार होती है सस्ती
सफेद रंग की कार अन्य रंग की कारों की तुलना में सस्ती होती है. यह एक बड़ा कारण है कि भारत में लोग सफेद रंग की कार ही खरीदते हैं.
अन्य रंगों की तुलना में सफेद रंग की कार जल्दी गर्म नहीं होती. विज्ञान के अनुसार भी देखें तो सफेद रंग की चीजें गर्मी को अवशोषित नहीं करती.
जल्दी गर्म नहीं होती
सफेद रंग की कारें अन्य रंग की कारों की तुलना में कम गंदी होती है. काला और लाल रंग की कारों पर मिट्टी या धूल के कण आसानी से दिखाई देने लगते हैं.
जल्दी गंदी नहीं होती
सफेद रंग टिकाऊ होता है और लंबे समय तक चमक बनी रहती है.
चमक बरकरार रहती है