मुस्लिम होली क्यों नहीं मनाते?

(Photos Credit: AI/Getty)

होली देश के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. बड़ी संख्या में लोग इस त्योहार को मनाते हैं.

होली के दिन पूरा देश रंगों में सराबोर होता है. हर कोई रंगों के इस त्योहार को मनाता है.

होली से पहले ही लोग तरह-तरह के रंग लेकर रख लेते हैं. कोई सिर्फ गुलाल लगाकर त्योहार मनाता है तो कुछ लोग इस दिन झूमते भी है.

वैसे तो सभी लोग इस त्योहार को मनाते हैं लेकिन मुसलमान होली खेलने से दूर ही रहते हैं. मुस्लिम होली नहीं खेलते हैं.

मुसलमान होली क्यों नहीं खेलते हैं? आइए इस बारे में जानते हैं.

1. कहा जाता है कि मुसलमानों के लिए रंग लगाना हराम है इसलिए मुसलमान होली नहीं खेलते हैं.

2. माना जाता है कि मुसलमान अगर रंग को छू भी लें तो पाप माना जाता है. हालांकि, ये धारणा गलत है.

3. इस्लाम में रंग को अच्छा माना जाता है. इतिहास में कई मुसलमानों ने होली खेली भी है. जोधा-अकबर भी होली खेलते थे.

4. जोधा-अकबर के अलावा जहांगीर और नूरजहां भी होली का रंग एक-दूसरे को लगाते थे. ऐसे में ये कहना गलत है रंग मुसलमानों के लिए हराम है.

5. होली हिन्दुओं को धार्मिक त्योहार है. शायद, यही वजह है कि मुसलमान होली के त्योहार से दूर रहते हैं.

नोट- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.