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पेरिस में ओलंपिक खेल शुरू हो गए हैं. 1896 से चले आ रहे ओलंपिक्स खेलों का एक बहुत बड़ा पर्व है.
दुनियाभर से 200 से ज्यादा देश के खिलाड़ी इसमें भाग लेने आ रहे हैं.
ओलंपिक की जगह हर साल बदलती है, लेकिन 5 रिंग्स वाला सिंबल नहीं बदलता.
बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर इस सिंबल में 5 छल्ले ही क्यों होती है या इसका क्या मतलब है.
1913 में ओलंपिक गेम्स के फाउंडर पियरे डे कोबेर्टिन ने सिंबल में 5 रिंग्स का सुझाव दिया था.
इन 5 रिंग्स को 5 महाद्वीपों अफ्रीका, अमेरिका, एशिया, यूरोप और ओशिनिया को संबोधित करने के लिए बनाया गया था.
आधिकारिक तौर पर 5 रिंग्स का मतलब 5 महाद्वीपों का मिलन और दुनिया भर के एथलीटों में एक फ्रेंडली कॉन्पिटिशन और खेल भावना को बढ़ावा देना है.
सिंबल में नीला, पीला, काला, हरा और लाल रंग इसलिए चुना गया है क्योंकि इसमें से एक न एक रंग तो हर भाग लेने वाले देश के ध्वज में होता है.
सिंबल में मौजूद हर रिंग समान आकार की है. ये महाद्वीपों और अलग-अलग देशों के बीच में समानता को दिखाती है.
रिंग का एक दूसरे को ओवर लैप करना दुनिया को एकता और एक दूसरे से जुड़े रहने का संदेश देता है.