By-Ketan Kundan
भारतीय रेलवे से हर रोज लाखों लोग सफर करते हैं.
आपने भी कभी न कभी ट्रेन से यात्रा जरूर की होगी.
यात्रा के दौरान आपने देखा होगा कि रेल पटरियों पर नुकीले पत्थर पड़े होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ये पत्थर क्या काम आते हैं ?
ट्रैक पर बिछाए जाने वाले ये नुकीले पत्थर खास तरह के और सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम होते हैं.
अगर ये पत्थर गोल होंगे तो फिसलने लगेंगे और पटरी अपनी जगह से हट जाएगी. इसलिए नुकीले पत्थरों का इस्तेमाल किया जाता है.
ये पत्थर नुकीले होने के कारण एक दूसरे में मजबूत पकड़ बना लेते हैं और जब भी ट्रेन पटरी से गुजरती है, तो ये पत्थर आसानी से ट्रेन के भार को संभाल लेते हैं.
रेलवे ने लंबे समय तक लकड़ी के स्लीपर्स का इस्तेमाल किया लेकिन मौसम और बारिश की वजह से ये गल जाती थी. ऐसे में रेल हादसा होने का खतरा बना रहता था.
ट्रैक पर बिछे पत्थर पटरी के नीचे लगे कंक्रीट के बने स्लीपर को एक जगह स्थिर रहने पर मदद करते हैं. और इससे इनको ट्रेन का वजन संभालने में पटरी को दिक्कत नहीं होती.
एक ट्रेन का वजन करीब 10 लाख किलो तक होता है. इस वजन को सिर्फ पटरी नहीं संभाल सकती. इसमें ट्रैक के साथ कंक्रीट के बने स्लीपर तथा पत्थर मदद करते हैं. जिसमें सबसे ज्यादा वजन पत्थरों पर ही होता है.
अगर ट्रैक पर गिट्टी नहीं बिछाई जाएगी तो घास और पेड़-पौधों उग आएंगे, जिससे ट्रेन को ट्रैक पर दौड़ने पर कई दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.