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भारत में मेहंदी लगाने का इतिहास बहुत पुराना है. खासतौर पर हिंदू धूर्म के लोग इसे हर खुशी में लगाते हैं. मेहंदी को महिलाएं सोलह श्रृंगार में भी जोड़ा जाता है.
शादी के समय भी लड़कियों के हाथों में मेहंदी लगाई जाती है. वहीं त्योहारों पर भी महिलाएं मेहंदी लगाती हैं. सावन के महीने में मेहंदी लगाने का बहुत महत्व माना जाता है.
सावन का महीना शिव का महीना होता है और ऐसा कहा जाता है कि शिव और शक्ति अपने में ही परिपूर्ण हैं. मेहंदी पार्वती माता को बहुत प्रिय होती है. ऐसे में अगर आप उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इस महीने में मेहंदी जरूर लगाएं.
मेहंदी लगाना एक पारंपरिक रीति है, जो सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कामना करता है. माना जाता है कि मेहंदी का रंग गहरा होने से जीवन में सुख और सौभाग्य को अच्छा करता है.
हिंदू धर्म में मेहंदी लगाना खुशी के आगमन का संकेत होता है. इसलिए आप भी इस सावन मेहंदी लगाएं.
वहीं, बात करें सेहत की तो सावन के महीने में बारिश होने से कई बार उमस बढ़ जाती है जिससे बीमारियों का खतरा रहता है. ऐसे में, मेहंदी लगाकर शरीर की गर्मी दूर की जाती है.
ऐसा माना जाता है कि मेहंदी की तासीर ठंडी होती है और इस कारण इसे लगान से शरीर को ठंडक मिलती है. शरीर की गर्मी को दूर करने के लिए मेहंदी को पैरों के तलवों में भी लगाया जाता है.
मेहंदी न सिर्फ हाथों की खूबसूरती को बढ़ाती है बल्कि तनाव और सिरदर्द की समस्या को भी दूर करती हैं.
बारिश के मौसम में स्किन संबंधी बीमारी होने पर भी मेहंदी लगाने की सलाह दी जाती हैं.