विंबलडन इकलौता ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट है, जिसका आयोजन नेशनल टेनिस एसोसिएशन नहीं करता है, बल्कि ऑल इंग्लैंड क्लब आयोजित कराता है.
Courtesy: Wimbledon
फिलहाल क्लब में 500 मेंबर हैं. प्रिंसेस ऑफ वेल्स इस क्लब की मालकिन होती हैं.
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साल 1877 में विंबलडन की शुरुआत घास के कोर्ट पर हुई थी. तब से लेकर आज तक घास के कोर्ट पर खेलने की परंपरा कायम है.
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जब वेल्स के राजकुमार या महारानी कोर्ट में मौजूद रहते हैं तो खिलाड़ी कोर्ट में आते और जाते समय सम्मान में सिर झुकाते हैं.
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साल 1887 से ट्रॉफी नहीं बदली है. विजेता को नकली ट्रॉफी दी जाती है. असली ट्रॉफी ऑल इंग्लैंड क्लब के म्यूजियम में ही रखी जाती है.
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पुरुष विजेता को सोने का कप दिया जाता है. जबकि महिला विजेता को प्लेट के शेप में बनी चांदी की ट्रॉफी दी जाती है. डबल्स इवेंट जीतने वाले प्लेयर्स को सिल्वर कप दिया जाता है.
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विंबलडन में कबूतरों को भगाने के लिए बाज रखा गया है. रूफस द हॉक को क्लब ने पाला है. इसे विंबलडन परिवार का सदस्य माना जाता है.
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दोनों विश्व युद्ध के दौरान और कोरोना काल में विंबडलन का आयोजन नहीं किया गया था. इसके बाद लगातार इसका आयोजन होता रहा है.
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बॉल बॉय और बॉल गर्ल्स इस प्रतियोगिता को खास बनाते हैं. इसमें बच्चे होते हैं, जो बॉल को उठाकर खिलाड़ी तक पहुंचाते हैं.
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इस टूर्नामेंट में सभी खिलाड़ियों को सफेद कपड़े पहनकर ही टेनिस खेलने की इजाजत है. इसको लेकर विरोध भी हुआ. लेकिन विंबलडन अपने नियमों पर कायम रहा.
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टूर्नामेंट में दर्शकों को स्ट्रॉबेरी और क्रीम के अलावा ब्रिटिश वाइन सर्व किए जाने की परंपरा है.
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