इस जगह होती है यमराज की पूजा

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देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपनी अनोखी मान्यता और इतिहास के लिए जाने जाते हैं.

ऐसा ही एक मंदिर उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर में विश्राम घाट पर है. इस मंदिर में यमराज की पूजा होती है.

इस मंदिर में दर्शन करने का भी खास महत्व है. चलिए जानते हैं मृत्यु के देवता की इसी मंदिर से क्या कनेक्शन है.

मान्यता है कि कंस के वध के बाद कृष्ण ने इस जगह विश्राम किया था. इसलिए इस स्थान को विश्राम घाट कहा जाता है.

यमुना और यमराज भाई-बहन हैं. दोनों सूर्य देव के पुत्र और पुत्री हैं.

यमराज जिस दिन यमुना से मिलने आते हैं, उस दिन को यम द्वितीया या भाई दूज के रूप में मनाया जाता है.

जिस दिन यमराज यमुना जी से मिलने आते हैं यमुना यमराज का टीका, भोजन और आदर-सत्कार करती हैं. 

यमराज वरदान देते हैं कि भाई दूज के दिन जो भी भाई-बहन इस घाट पर हाथ पकड़कर स्नान करेंगे, उसे यम फंदे से मोक्ष की प्राप्ति होगी.

तब से भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए यहां पूजा करती हैं. भाई दूज के दिन इस घाट पर काफी भीड़ उमड़ती है.