आने वाले कुछ सालों में भारत से थाईलैंड जाने के लिए आपको फ्लाइट पकड़ने की जरूरत नहीं होगी. आप भारत से थाईलैंड कार से भी जा सकेंगे.
यह सड़क बिम्सटेक प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही है. 1360 किलोमीटर लंबा भारत-म्यांमार-थाईलैंड राजमार्ग का निर्माण 2027 में पूरा होने की उम्मीद है.
कोलकाता और बैंकॉक के बीच यह सड़क कई देशों से होकर गुजरने वाली है. इससे ट्रांसपोर्ट और सड़क यात्रा को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.
इस परियोजना से कई देशों के साथ संबंध ठीक होंगे, व्यापार बढ़ेगा और एशिया के बाजार में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.
परियोजना पहले ही शुरू की जा चुकी है और सड़क निर्माण तेजी से चल रहा है. इससे अब कम वक्त में प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी जा जाएगी.
भारत और थाईलैंड में इस हाइवे का काम लगभग पूरा हो चुका है. म्यांमार में इसका काम बाकी है.
साल 2002 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने थाईलैंड और म्यांमार को इस परियोजना का प्रस्ताव दिया था.
कोलकाता-बैंकॉक हाइवे की कुल लंबाई 1360 किलोमीटर है. इसका सबसे ज्यादा हिस्सा भारत में पड़ता है. थाईलैंड में इसका सबसे कम हिस्सा है.
यह हाइवे कोलकाता से शुरू होकर उत्तर में सिलीगुड़ी जाता है. आगे यह कूचबिहार होते हुए बंगाल से श्रीरामपुर सीमा के माध्यम से असम में प्रवेश करेगा.
फिर दीमापुर से नगालैंड में प्रवेश करेगा. राजमार्ग मणिपुर के इम्फाल के पास मोरेह नाम की जगह म्यांमार में प्रवेश करेगा.
फिर म्यांमार के मांडले, नैप्यीडॉ, बागो, यंगून और म्यावाडी शहरों से होते हुए मॅई सॉट के माध्यम से थाईलैंड में प्रवेश करेगा.