टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मंसूल अली खान पटौदी ने 1971 में विशाल हरियाणा पार्टी के माध्यम से राजनीति में कदम रखा था. वह दो बार लोकसभा का चुनाव लड़े लेकिन दोनों बार हार गए.
टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर यूसुफ पठान लोकसभा चुनाव 2024 में अपनी किस्मत अजमाने जा रहे हैं. 41 वर्षीय पठान को ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के बरहामपुर से टिकट दिया है.
पूर्व तेज गेंदबाज चेतन शर्मा ने साल 2009 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर फरीदाबाद से चुनाव लड़ा था. बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. उन्हें पार्टी के खेल प्रकोष्ठ का संयोजक नियुक्त किया गया था.
गौतम गंभीर ने राजनीति में भी सफलता हासिल की. गंभीर ने 22 मार्च 2019 को बीजेपी की सदस्यता ली थी. फिर गंभीर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली सीट से जीत दर्ज की. गंभीर अब क्रिकेट पर ही फोकस करना चाहते हैं और वह आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे.
कीर्ति आजाद बीजेपी के टिकट पर दरभंगा लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रहे. इसके बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया. इस बार वह ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से लोकसभा चुनाव के मैदान में हैं.
नवजोत सिंह सिद्धू ने साल 2004 में बीजेपी के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी. लोकसभा चुनाव में अमृतसर सीट से जीत हासिल की.पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेदों के कारण सिद्धू ने साल 2016 में बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था. फिर उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली.
मोहम्मद अजहरुद्दीन पहली बार कांग्रेस के टिकट से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से लोकसभा के लिए चुने गए. हालांकि साल 2014 के चुनाव में उन्हें हार झेलनी पड़ी थी.
मोहम्मद कैफ ने भी राजनीति में अपनी किस्मत आजमाई थी. हालांकि वह पहली ही परीक्षा पास नहीं कर पाए. कैफ ने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर उत्तर प्रदेश के फूलपुर से 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा था.
टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह फिलहाल आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर राज्यसभा सांसद हैं. भज्जी ने दिसंबर 2021 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था.
पूर्व तेज गेंदबाज शांताकुमारन श्रीसंत भी राजनीति की पिच पर अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. श्रीसंत ने बीजेपी के टिकट पर 2016 के केरल विधानसभा चुनाव में तिरुवनंतपुरम सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.