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2022 Nobel Peace Prize: बेलारूस के मानवाधि‍कार कार्यकर्ता, रूस और यूक्रेन के मानवाधि‍कार संगठनों को मिला नोबेल शांति पुरस्कार

दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को 1993 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. मंडेला का मानना था कि मानवाधि‍कार सभी के लिए हैं. साल 2004 में वंगारी मथाई को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था. वंगारी मथाई के ग्रीन बेल्ट मूवमेंट की वजह से 5 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाए गए.

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हाइलाइट्स
  • बेलारूस के कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की को मिला पुरस्कार

  • रूस के मानवाधिकार संगठन मेमोरियल को भी पुरस्कार

  • यूक्रेन के संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज को भी सम्मान

साल 2022 के नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize for 2022) की घोषणा हो गई है. बेलारुस के मानवाधि‍कार कार्यकर्ता Ales Bialiatski, रूस के मानवाधि‍कार संगठन Memorial और यूक्रेन के मानवाधि‍कार संगठन Center for Civil Liberties को संयुक्त तौर पर 2022 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है. नॉर्वे की नोबेल कमेटी ने शुक्रवार को नोबेल शांति पुरस्कार 2022 के विजेताओं के नाम का एलान किया.

इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अपने अपने देशों में सिविल सोसायटीज का प्रतिनिधि‍त्व करते हैं. ये बीते कई सालों से अपने अपने मुल्कों में सत्ता की आलोचना करने के हक को बढ़ावा दे रहे हैं और नागरिकों के मानवाधि‍कारों की रक्षा कर रहे हैं. यही नहीं, इन्होंने शांति और लोकतंत्र के लिए सिविल सोसायटीज की अहमियत पर भी जोर दिया है.

कौन हैं एलेस बियालियात्स्की- 
25 सितंबर 1962 को रूस के करेलिया में पैदा हुए Ales Bialiatski बीते तीन दशकों से बेलारुस में लोकतंत्र और आजादी के लिए कैम्पेन चला रहे हैं. उन्होंने 1996 में मिंस्क में Viasna नामक मानवाधि‍कार संगठन की नींव रखी. यह संगठन राजनीतिक कैदियों की मदद के लिए काम करता है.
           
मेमोरियल को जानिए-
इस बार शांति का नोबेल पुरस्कार रूस के मानवाधिकार संगठन मेमोरियल को भी मिला है. इस संगठन की स्थापना मास्कों में साल 1987 में हुआ था. इस संगठन का मकसद रूस में सिविल सोसाइटी का प्रतिनिधित्व करना है. ये संगठन सालों से रूस में नागरिकों के मानवाधिकार की लड़ाई लड़ रहा है. ये संगठन लगातार सत्ता के खिलाफ मोर्चा खोले रहता है. 'मेमोरियल' शांति और लोकतंत्र के लिए हमेशा लड़ता रहता है.

सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज क्या है-
साल 2022 का शांति का नोबेल पुरस्कार यूक्रेन के एक मानवाधिकार संगठन को भी मिला है. जिसका नाम सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज है. इस संगठन की स्थापना साल 2007 में यूक्रेन के कीव में किया गया था. इस संगठन ने यूक्रेन में नागरिकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ता रहा है. ये संगठन लोकतंत्र को बचाने और सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ हमेशा खड़ा रहा है.
नोबेल शांति पुरस्कार पिछले साल मारिया रेसा और दिमित्री मुराटोव को दिया गया था. अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा के उनके प्रयासों के लिए ये पुरस्कार दिया गया था.

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