पिछले कुछ महीनों से दुनियाभर में छंटनी का दौर चल रहा है. सबसे बुरा हाल अमेरिका के आईटी सेक्टर का है, जहां पिछले तीन महीनों में ही करीब दो लाख आईटी कर्मचारियों की जॉब चली गई है. इस मुश्किल दौर में सबसे ज्यादा भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स बेरोजगार हो रहे हैं. ऐसे में अमेरिका में भारतीय आईटी पेशेवरों को लेकर एक मुहिम शुरू की गई है.
H-1B वीजा को लेकर ऑनलाइन पिटिशन लॉन्च
अमेरिका में भारी छंटनी के बीच दो इंडियन-अमेरिकन संस्थाओं ने ऑनलाइन पिटिशन लॉन्च की है. इस पिटिशन के जरिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने H-1B वीजा रखने वालों के लिए ग्रेस पीरियड बढ़ाकर 1 साल करने की मांग की गई है.
क्या है मौजूदा नियम?
मौजूदा नियम के मुताबिक, H-1B वीजा पर काम कर रहे किसी विदेशी नागरिक की जॉब जाने के बाद उसे नई नौकरी ढूंढने के लिए दो महीने का समय मिलता है. अगर दो महीने में नई जॉब नहीं मिलती है तो H-1B वीजा होल्डर को अमेरिका छोड़कर जाना होता है. लेकिन मौजूदा आर्थिक स्थिति में 60 दिन में दूसरी जॉब पाना मुश्किल हो रहा है, इसलिए H-1B वीजा होल्डर का ग्रेस पीरियड दो महीने से बढ़ाकर एक साल या कम से कम छह महीने तक करने की मांग उठाई गई है. अमेरिकी कंपनियां तय सीमा के लिए जारी H-1B वीजा पर ही विदेशी नागरिकों को नौकरियां देती हैं. अमेरिका की टेक्नोलॉजी कंपनियां हर साल H-1B वीजा पर ही चीन और भारत से हजारों लोगों को काम पर रखती हैं.
मानवीय आधार पर समझने की गुजारिश
अमेरिकी राष्ट्रपति को भेजी गई पिटिशन में मानवीय आधार पर पीड़ित परिवारों के असर को समझने की गुजारिश की गई है. हजारों लोगों का समर्थन पाने वाली पिटिशन में कहा गया है कि ग्रेस पीरियड बढ़ाने से ब्रेन ड्रेन रुकेगा और अमेरिका टेक्नोलॉजी और इनोवेशन की दुनिया में वर्ल्ड लीडर बना रहेगा
जनवरी में 91 हजार लोगों ने गंवाई नौकरी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी में ही 91 हजार लोगों की जॉब चली गई और ये आंकड़ा आने वाले महीनों में और बढ़ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में 70 प्रतिशत स्टार्टअप फाउंडर्स विदेशी नागरिक हैं. जबकि पब्लिक कंपनियों के 50 से ज्यादा सीईओ भारतीय मूल के हैं.