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बेटा कहीं और के चिकन नगेट्स नहीं खाता...इसलिए ब्रिटेन कोर्ट ने रोक दिया प्रवासी अपराधी का निर्वासन

ब्रिटेन में एक अपराधी प्रवासी को देश से बाहर सिर्फ इसलिए नहीं निकाला जा सका क्योंकि उसके बेटे को विदेश के चिकन नगेट्स पसंद नहीं थे. यह मामला अल्बानिया का है.

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हाइलाइट्स
  • चिकन नगेट्स की वजह से टला निर्वासन का फैसला

  • मानवाधिकार के आधार पर क्लेविस का निर्वासन रोका गया

ब्रिटेन में एक अपराधी प्रवासी को देश से बाहर सिर्फ इसलिए नहीं निकाला जा सका क्योंकि उसके बेटे को विदेश के चिकन नगेट्स पसंद नहीं थे. यह मामला   ब्रिटेन के अल्बानिया का है. ब्रिटेन में ये मामचा काफी चर्चा में है.

चिकन नगेट्स की वजह से टला निर्वासन का फैसला
दीशा ब्रिटेन में अवैध रूप से रह रहा था. जब उसकी धोखाधड़ी सामने आई, तो ब्रिटिश सरकार ने उसकी नागरिकता रद्द कर दी और उसे निर्वासित करने का आदेश दिया. लेकिन कोर्ट ने पाया कि दीशा का 10 वर्षीय बेटा ब्रिटेन में रह रहा है. दीशा का बेटा खाने में नखरीला है और वो ब्रिटेन के अलावा कहीं और का चिकन नगेट्स नहीं खा सकता इसलिए उसके पिता को डिपोर्ट नहीं किया जाना चाहिए.

इस आदेश की ब्रिटेन में विपक्षी नेताओं ने आलोचना की है. यह मामला ऐसे समय में आया है जब कीर स्टार्मर की लीड वाली लेबर सरकार आप्रवासन पर नकेल कस रही है.

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क्या था पूरा मामला?
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, अल्बानियाई क्लेविस दिशा ने फरवरी 2001 में 15 साल की उम्र में अवैध रूप से यूके में आया था. गलत नाम और पहचान के साथ उसने यहां रहना शुरू कर दिया.  2007 में उसे ब्रिटेन की नागरिकता मिल गई. क्लेविस ने 2006 में ब्रिटेन की एक महिला से शादी कर ली. कपल की दो बेटियां और एक बेटा है. 

क्लेविस को सितंबर 2017 में £250,000 नकद के साथ पकड़ा गया और उसे दो साल की जेल हुई. 2021 में उसकी ब्रिटिश नागरिकता छीन ली गई. ब्रिटेन की तत्कालीन गृह सचिव प्रीति पटेल ने उन्हें अल्बानिया निर्वासित करने का आदेश दिया. क्लेविस दिशा ने अपील की और लोवर कोर्ट ने क्लेविस के पक्ष में फैसला सुनाया.

दिशा के वकीलों ने दलील दी कि उसके 10 वर्षीय बेटे को हेल्थ इशूज हैं वो ब्रिटेन के अलावा कहीं और के चिकन नगेट्स नहीं खाता है. पूरे मामले को देखते हुए अदालत ने मानवाधिकार के आधार पर क्लेविस का निर्वासन रोक दिया.