गज़ा में इजराइल की सैन्य कार्रवाई जारी है. इस बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की देखरेख में इजराइली सेना (Israel Defence Forces) ने लेबनान में भी जमीनी सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है. साथ ही ईरान के साथ भी इजराइल की तनातनी जारी है. तीन मोर्चों पर यु्द्ध कर रहा इजराइल अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने से पहले आने वाले कुछ दिनों का फायदा उठाना चाहेगा.
इजराइल की इसी संभावित रणनीति की वजह से अमेरिका के वरिष्ठ पत्रकार फरीद ज़करिया ने इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को एक 'चतुर खिलाड़ी' करार दिया है. ज़करिया ने तीन मोर्चों पर बढ़ रहे तनाव को देखते हुए कहा है कि यह 'अधिकतम खतरे का समय है' और हालात ऐसे भी हो सकते हैं कि पश्चिमी एशिया युद्ध में झोंक दिया जाए.
'अब इजराइल सोच रहा है...'
इंडिया टुडे टीवी के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई के साथ खास बातचीत में ज़करिया ने कहा, "इजराइल अब चाहता है कि वह किसी तरह उत्तरी इजराइल में (ईरान के खड़े किए हुए समूहों की ओर से) निरंतर होने वाली रॉकेटबाजी को रोके. इसलिए वह अब विरोध कर रहा है. और अब इजराइल खुद से पूछ रहा है कि क्या उसे ईरान के खिलाफ ही कार्रवाई शुरू कर देनी चाहिए."
वह कहते हैं, "मैं इसलिए कह रहा हूं कि यह अधिकतम खतरे का समय है. क्योंकि अब ईरान और इजराइल के बीच सीधे गहमागहमी होने की संभावना है. ईरान भले ही बहुत ताकतवर देश न हो लेकिन वह हिज़्बुल्लाह जैसी कोई छोटी नागरिक सेना भी नहीं है. यह आठ करोड़ लोगों की आबादी वाला देश है. और दुनिया के सबसे बड़े पेट्रोलियम निर्यातकों में से एक है."
अमेरिका की भूमिका पर क्या बोले ज़करिया?
ज़कारिया ने इस चौतरफा संघर्ष में अमेरिका की भूमिका पर कहा कि वाशिंगटन इजराइल को ईरान पर हमला करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन वह यह भी चाहता है कि यह हमला इस संघर्ष को "खतरनाक रूप से बढ़ाने वाला" न हो. यानी इजराइल इस हमले में ईरान के किसी परमाणु ठिकाने और तेल रिफाइनरी को निशाना न बनाए.
ज़करिया ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को दुनिया के "सबसे चतुर खिलाड़ियों" में से एक बताया और कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों का लाभ उठाते हुए अगले 30 दिनों में क्षेत्र में अधिक स्वतंत्रता के साथ काम करने की कोशिश करेंगे. जब जकरिया से पूछा गया कि क्या ईरान के साथ इजराइल का बढ़ता संघर्ष युद्ध में तब्दील होने पर अमेरिका सीधे लड़ाई में प्रवेश करेगा, तो उन्होंने इजराइल के सबसे करीबी मित्र की योजनाओं पर भी रोशनी डाली.
जकारिया ने कहा, "मेरा अनुमान है कि अमेरिका इस अर्थ को छोड़कर बाहर रहने की कोशिश करेगा कि वह इजराइल को रक्षात्मक तकनीक और रक्षात्मक सहायता प्रदान करेगा. अगर ईरानी रॉकेट इजराइली शहरों पर बरसते हैं तो अमेरिका उन्हें रोकने की कोशिश करेगा. लेकिन मुझे नहीं लगता कि अमेरिका सीधे तौर पर इसमें शामिल होगा."