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American Politics: ट्रंप से पहले Bill Clinton और Ronald Reagan ने भी बनाया था अलग मंत्रालय, जानें क्या था उनका प्लान, Trump की New Ministry का होगा यह काम  

New US President Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. इसके बाद ट्रंप खर्च कम करने और संघीय एजेंसियों के पुनर्गठन पर बड़ा कदम उठा सकते हैं. इसमें एलन मस्क और विवेक रामास्वामी की भूमिका बड़ी होगी क्योंकि ट्रंप ने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी के नेतृत्व करने की जिम्मेदारी इन्हीं दोनों को दी है.

Ronald Reagan, Donald Trump and Bill Clinton (File Photo) Ronald Reagan, Donald Trump and Bill Clinton (File Photo)
हाइलाइट्स
  • डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद की लेंगे शपथ 

  • ट्रंप ने एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को दी है अहम जिम्मेदारी 

Department of Government Efficiency Ministry: अमेरिका (America) को नया राष्ट्रपति (New President) मिल चुका है. एक बार फिर दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश की जनता ने डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर भरोसा जताया है. ट्रंप का 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. ट्रंप राष्ट्रपति की कुर्सी एक बार फिर संभालने से पहले अपनी टीम तैयार कर रहे हैं. वह सोच-समझकर एक-एक नियुक्तियां कर रहे हैं. 

उन्होंने एक नया मंत्रालय भी बनाया है, जिसका नाम डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) रखा है. आपको मालूम हो कि अमेरिका पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नहीं हैं, जिन्होंने अलग मंत्रालय बनाया है. उनसे पहले रोनाल्ड रीगन (Ronald Reagan) और बिल क्लिंटन (Bill Clinton) राष्ट्रपति रहते हुए ऐसा कर चुके हैं. आइए जानते हैं अमेरिका के इन दोनों पूर्व राष्ट्रपतियों का क्या प्लान था और नए राष्ट्रपति ट्रंप का नया मंत्रालय क्या काम करेगा?

ट्रंप के नए मंत्रालय का क्या होगा काम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए मंत्रालय  डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी को संभालने की जिम्मेदारी टेस्ला के सीईओ, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और स्पेस एक्स के मालिक एलन मस्क और भारतीय-अमेरिकी बिजनेसमैन विवेक रामास्वामी को दी है. आपको मालूम हो कि विवेक रामास्वामी 20 जनवरी से प्रभावी हो रहे ट्रंप सरकार में किसी पद के लिए चुने जाने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी होंगे. 

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DOGE का काम अगले दो सालों में सरकार को नौकरशाही के चंगुल से निकालना है. इस नए मंत्रालय का काम सरकारी खर्चों में कटौती, गैरजरूरी कानूनों को खत्म करना और सरकारी एजेंसियों का पुनर्गठन करना है. इसके साथ ही इस मंत्रालय को सरकार का आकार छोटा और प्रभावी करने का काम भी दिया गया है. यह मंत्रालय 4 जुलाई 2026 को अमेरिका की स्वतंत्रता के 250 वर्ष पूरे होने तक अपना काम करेगा. आपको मालूम हो कि डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी सरकारी विभाग नहीं है. ये सरकार को सलाह देने के साथ मार्गदर्शन देगा.

डोनाल्ड ट्रंप ने दी थी जानकारी
डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में कहा है कि एलन मस्क और विवेक रामास्वामी सरकारी नौकरशाही को खत्म करने, उन पर हो रही फिजूलखर्ची में कटौती करने, रेग्यूलेशंस को कम करने और संघीय एजेंसियों के फिर से गठन को प्रशस्त करने के लिए काम करेंगे. ये काम अमेरिका बचाओ आंदोलन के लिए जरूरी है. उधर, अपनी नियुक्ति पर एलन मस्क ने कहा कि सरकारी की बर्बादी में शामिल लोगों के लिए मेरी नियुक्ति किसी झटके से कम नहीं है.

एलन मस्क ने अपनी नियुक्ति की जानकारी एक्स पर दी है. इसमें उन्होंने कहा कि डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिसिंएसी की ओर से होने वाली कार्रवाइयों के बारे में ऑनलाइन पोस्ट किया जाएगा ताकि पारदर्शिता बढ़ सके. जनता भी हमें कभी भी बता सकती है कि हम किसी महत्वपूर्ण या बेकार चीज में कटौती कर रहे हैं. आपको मालूम हो कि चुनावी प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क ने नौकरशाही पर बढ़ रहे खर्च का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था.

रोनाल्ड रीगन और बिल क्लिंटन इतने सालों तक रहे अमेरिका के राष्ट्रपति 
रोनाल्ड रीगन अमेरिका के 40वें राष्ट्रपति थे. वह 1981 से लेकर 1989 तक दो कार्यकाल तक इस पद पर रहे. रीगन राजनीति में आने से पहले हॉलीवुड के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे. बिल क्लिंटन अमेरिका के 42वें राष्ट्रपति रहे थे. वह 1993 से 2001 तक दो कार्यकाल तक इस पद पर रहे. क्लिंटन ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार के तौर पर साल 1992 में पहली बार राष्ट्रपति चुने जीते थे. जनवरी 1993 में पहली बार उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. बिल क्लिंटन का दूसरा राष्ट्रपति कार्यकाल 1997 से 2001 तक रहा.

दोनों पूर्व राष्ट्रपतियों ने फिजूलखर्ची रोकने के लिए उठाए थे कदम 
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नया मंत्रालय बनाकर जैसे सरकारी कार्यों में फिजूलखर्ची को रोकना चाहते हैं, उसी तरह की पहल इससे पहले रोनाल्ड रीगन और बिल क्लिंटन कर चुके हैं. दोनों पूर्व राष्ट्रपतियों रोनाल्ड रीगन और बिल क्लिंटन ने समान टास्क फोर्स की स्थापना की थी. राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने नेशनल पार्टनरशिप फॉर रीइन्वेंटिंग गवर्नमेंट (एनपीआर) के जरिए नौकरशाही में कटौती की थी. 250000 से अधिक संघीय नौकरियों का उन्मूलन और 800 से अधिक एजेंसियों का एकीकरण किया था.

राष्ट्रपति क्लिंटन ने मार्च 1993 में कहा था कि उन्होंने सरकार का पुनर्निर्माण करने की योजना बनाई है. हमारा लक्ष्य संपूर्ण संघीय सरकार को कम खर्चीला और अधिक कुशल बनाना है. क्लिंटन ने राष्ट्रपति बनने के बाद कई तरह के घरेलू कानून बनाए थे. इसमें परिवार और चिकित्सा अवकाश अधिनियम और महिलाओं के खिलाफ हिंसा अधिनियम शामिल हैं. इसके साथ ही अपराध और बंदूक हिंसा, शिक्षा, पर्यावरण और कल्याण सुधार से संबंधित प्रमुख विधेयक भी शामिल हैं. उन्होंने संघीय बजट घाटे को कम करने के उपाय प्रस्तुत किए और उत्तरी अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जिसने संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको के बीच व्यापार बाधाओं को समाप्त कर दिया.

उधर, जब रोनाल्ड रीगन ने 20 जनवरी 1981 को अमेरिका के 40वें राष्ट्रपति के रूप में पद की शपथ ली थी, उस समय यह देश मंदी के बाद से सबसे खराब आर्थिक दौर का अनुभव कर रहा था. कर ऊंचे थे, बेरोजगारी बेलगाम थी. ब्याज दरें ऊंची थीं और राष्ट्रीय भावना कम थी. राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन इनसे निपटने में कामयाब रहे. रीगन ने 1981 में अपनी आर्थिक नीतियां लागू की थी. इन नीतियों के चार स्तंभ थे. पहला श्रम और पूंजी से आय पर सीमांत कर की दरें कम करें. दूसरा विनियमन कम करें. तीसरा मुद्रास्फीति को कम करने के लिए मुद्रा आपूर्ति को मजबूत करें और चौथा सबसे प्रमुख सरकारी खर्च की वृद्धि कम करें.