रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन किसी भी कीमत पर पैर पीछे खींचने वाले नहीं लग रहे हैं. इस बार पुतिन ने न्यूक्लियर एक्सरसाइज का ऐलान किया है, जिससे पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया. अब यूक्रेन पर न्यूक्लियर हमले की आशंका एक बार फिर तेज हो गई है. पुतिन के इस ऐलान के बाद अमेरिका ने रूस को कड़ी चेतावनी दी है. लेकिन बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या रूस अमेरिका की चेतावनी का कोई तवज्जो देगा. पिछली बार रूस ने फरवरी में न्यूक्लियर ड्रिल की थी.
अमेरिका ने दी प्रतिक्रिया
रूस द्वारा किए गए न्यूक्लियर एक्सरसाइज के ऐलान पर प्रतिक्रिया देते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि 'कोई भी परमाणु हमला एक गंभीर गलती होगी. उन्होंने कहा कि अगर सामरिक परमाणु हथियार का इस्तेमाल किया जाता है तो रूस अविश्वसनीय रूप से गंभीर गलती करेगा'. यह पूछे जाने पर कि क्या रूस 'डर्टी बम' या परमाणु हथियार तैनात करने की तैयारी कर रहा है, बाइडेन ने कहा, 'मैं आपको गारंटी नहीं दे रहा हूं कि यह अभी तक एक फाल्स फ्लैग ऑपरेशन है, मुझें नहीं पता. लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह एक गंभीर गलती होगी.'
ड्रिल के बारे में अमेरिका को दी जानकारी
बता दें कि रूस ने अमेरिका को इस ड्रिल के बारे में औपचारिक जानकारी भी दे दी है. गौर करने वाली बात ये है कि 30 अक्टूबर तक अमेरिका और उसके सहयोगी देश भी न्यूक्लियर ड्रिल कर रहे हैं.
यूक्रेन द्वारा क्रीमिया पुल पर हमले के बाद से रूसी सेनाओं ने अब तक यूक्रेन पर दर्जनों मिसाइलें दाग चुका है. जिसमें यूक्रेन के कई नागरिकों की मौत हुई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने आरोप लगाया है कि रूस एक जलविद्युत बांध को उड़ाने की योजना बना रहा है, जिससे दक्षिणी यूक्रेन के एक बड़े हिस्से में बाढ़ आ जाएगी.
सबसे खतरनाक मोड़ पर है यूक्रेन युद्ध
17 अक्टूबर से नेटो के 14 देश बेल्जियम में न्यूक्लियर एक्सरसाइज कर रहे हैं. 30 अक्टूबर को ये परमाणु ड्रिल खत्म हो पाती, उससे पहले ही रूस ने न्यूक्लियर ड्रिल का ऐलान करके सबको चौंका दिया. रूस भी नेटो को काउंटर करने के लिए न्यूक्लियर एक्सरसाइज शुरू कर रहा है, जिसका नाम है Thunder nuclear exercise. अमेरिका और नेटो देश रूस की इस न्यूक्लियर ड्रिल पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं.
इन वजहों से बढ़ी न्यूक्लियर हमले की आशंका
पिछले कुछ दिनों से यूक्रेन में न्यूक्लियर अटैक की आशंका बढ़ गई है, तो इसके पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं. सबसे पहली वजह रूसी सेना का अचानक बेलारूस की धरती का इस्तेमाल यूक्रेन से जंग में करना. माना जा रहा है कि रूस ने ये कदम परमाणु हमले को लेकर ही उठाया है. बेलारूस के तानाशाह राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा है कि रूस यहां अपना सैन्य बेस बनाएगा. हालांकि, लुकाशेंको ने ये साफ नहीं किया कि बेलारूस में रूस की कितनी संख्या में सेनाएं रहेंगी.
अब यूक्रेन के खिलाफ बेलारूस के रूस को सैन्य मदद के ऐलान से यूरोप में बड़े युद्ध का खतरा बढ़ गया है. इस बीच, नेटो महासचिव स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा कि यूक्रेन की मदद से वो पीछे नहीं हटेंगे. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने इन हमलों को पुतिन की बर्बरता करार दिया है.
वहीं दूसरी वजह ये भी बताई जा रही है कि पिछले दिनों रूस ने यूक्रेन पर आरोप लगाया था कि वो अपनी ही धरती पर डर्टी बम का इस्तेमाल कर सकता है. हालांकि यूरोपीय देशों ने रूस के इस आरोप को खारिज कर दिया और माना जा रहा है कि उल्टा रूस परमाणु हमले की तैयारी कर रहा है और वो जानकर ऐसे आरोप लगा रहा है जिसकी आड़ में वो हमला कर सके.
परमाणु हमले की आशंका इसलिए भी बढ़ रही है, क्योंकि कई देश अचानक अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़कर फौरन निकलने की सलाह दे रहे हैं, जिसमें भारत भी शामिल है.