चीन और ताइवान के बीच मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि ‘आर्मेनिया और अजरबैजान’ के बीच फिर से युद्ध की खबरें आ रही हैं. अजरबैजान ने नागार्नो- काराबाख के इलाके में हमला किया है. इस बीच रूस ने आरोप लगाया है कि अजरबैजान ने नागर्नो-कराबाख के विवादित इलाके में समझौते को तोड़ा है. हालांकि वह आर्मीनिया और अजरबेजान के प्रतिनिधियों से मिलकर माहौल शांत करने की कोशिश कर रहा है. चलिए हम आपको अजरबैजान के बारे में कुछ रोचक बातें बताते हैं...
आग की भूमि कहा जाता है अजरबैजान
अजरबैजान रूस, ईरान, आर्मेनिया, जॉर्जिया और कैस्पियन सागर के बीच स्थित है. अजरबैजान को आग की भूमि कहा जाता है. क्योंकि अजरबैजान में आग के चूल्हे पाए जाते हैं. यहां के लोगों ने हजारों साल पहले आग की पूजा की थी. अजरबैजान नाम का शाब्दिक अर्थ है 'आग का रक्षक'.
पहला मुस्लिम देश जिसमें थिएटर और ओपेरा हैं
अजरबैजान इस्लामिक देशों में पहला लोकतांत्रिक देश है. 1918 और 1920 के बीच अजरबैजान कुछ समय के लिए आजाद हुआ था. लेकिन इसे एक बार फिर से सत्तर सालों के लिए सोवियत संघ में शामिल कर लिया गया. 30 अगस्त 1991 को देश को आजादी मिली. अजरबैजान पहला ऐसा मुस्लिम देश है, जिसमें थिएटर और ओपेरा हैं
सबसे ज्यादा ज्वालामुखी वाला देश
अजरबैजान में लगभग 400 मिट्टी के ज्वालामुखी हैं. हालांकि इनसे लावा नहीं निकलता. यहां पर एक ऐसी ज्वालामुखी है जो 4,000 वर्षों से लगातार जल रही है. अजरबैजान के पास बहुत अधिक तेल संपदा है. कच्चे तेल के उत्पादन के मामले में अपने छोटे आकार के बावजूद अजरबैजान वैश्विक खिलाड़ी है.
कच्चे तेल में नहाते हैं अजरबैजान के लोग
अजरबैजान के लोग सबसे ज्यादा काली चाय पीते हैं. यहां एक ऐसा हेल्थ सेंटर हैं, जहां लोग कच्चे तेल में नहाते हैं. उनका मानना है कि ऐसा करने से त्वचा संबंधी 70 बीमारियां ठीक हो सकती हैं.
बच्चों को नमक के पानी में नहलाया जाता है
अजरबैजान में लोग नवजात बच्चों को नमक के पानी से नहलाते हैं. वहां माना जाता है कि ऐसा करने से बच्चे मजबूत, सच्चे और ताकतवर बन जाते हैं.
चाय मीठी, मतलब शादी पक्की
अजरबैजान शादी की बातचीत के दौरान अगर पीने के लिए ट्रे में सजाकर चाय दी जाए और यह बिना चीनी के हो तो माना जाता है कि शादी की बात अभी जारी रहने वाली है और अगर चाय में पर्याप्त चीनी हो तो माना जाता है कि शादी की बात बन गई है.