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गलवान भिड़ंत में अपने सैनिकों की मौत का सच छिपाता रहा चीन, ऑस्ट्रेलियाई न्यूज़पेपर ने किया खुलासा, नदी में बह गए थे 38 चीनी सैनिक

ऑस्ट्रेलिया के न्यूज़पेपर ‘द क्लैक्सन’ में छपी रिपोर्ट ‘गलवान डिकोडड’ में यह दावा किया गया है कि 2020 में भारत और चीनी सेना के बीच हुई झड़प के दौरान 38 चीनी सैनिक गलवान नदी में बह गए थे. इस रिपोर्ट को इंडिपेंडेंट सोशल मीडिया रिसर्चर्स की टीम ने तैयार किया है. 

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हाइलाइट्स
  • ऑस्ट्रेलिया के न्यूजपेपर 'द क्लैक्सन' की रिपोर्ट का दावा

  • गलवान भिड़ंत के दौरान नदी में बह गए थे 38 चीनी सैनिक

साल 2020 में गलवान घाटी में हुई भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प को भला कौन भूल सकता है. इस झड़प में भारत ने अपने 20 जवान खोए थे. लेकिन देश के सपूत दुश्मन के सामने डटकर खड़े रहे और उन्हें कड़ा मुकाबला दिया.

हालांकि, चीन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उनके सिर्फ 4 सैनिक ही इस झड़प में मारे गए. लेकिन ऐसा नहीं था क्योंकि चीनी सेना के ज्यादा सैनिक इस दौरान मारे गए थे और इसलिए तबसे ही चीन पर अपने सैनिकों की मौत को छिपाने का इल्जाम लग रहा है. 

लेकिन चीन ने यह बात कभी नहीं काबुली. पर हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के न्यूजपेपर 'द क्लैक्सन' की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गलवान में 38 चीनी सैनिकों की मौत गलवान नदी में बहने से हो गई थी. लेकिन चीन ने सिर्फ 4 सैनिकों की मौत दिखाकर उन्हें ही सम्मानित किया है. 

दुनिया के सामने आया चीन का सच:

ऑस्ट्रेलिया के न्यूज़पेपर ‘द क्लैक्सन’ में छपी रिपोर्ट ‘गलवान डिकोडड’ में यह दावा किया गया है कि 2020 में भारत और चीनी सेना के बीच हुई झड़प के दौरान 38 चीनी सैनिक गलवान नदी में बह गए थे. इस रिपोर्ट को इंडिपेंडेंट सोशल मीडिया रिसर्चर्स की टीम ने तैयार किया है. 

और इस रिपोर्ट ने चीन के झूठ को दुनिया के सामने उजागर कर दिया गया है. इस रिपोर्ट में चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Weibo के हवाले से कहा गया है कि उस रात कम से कम 38 चीनी सैनिक डूब गए थे. जबकि चीन ने सिर्फ 4 सैनिकों की मौत की बात कबूल

रिपोर्ट में कहा गया है कि उस रात असल में क्या हुआ था, किस वजह से झड़प हुई. इसके बारे में बहुत सारे फैक्ट चीन ने छिपाए हैं. चीन ने कई ब्लॉग और पेज को हटा दिए लेकिन चीन से मिले डिजिटल आर्काइव अलग ही कहानी बयां करते हैं. 

क्या था विवाद: 

जून 2020 में भारत और चीन का गलवान में विवाद हुआ था. पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीन सीमा शेयर करते हैं. इस क्षेत्र में चीन भारत के साथ समझौते का उल्लंघन करते हुए बफर जॉन में पेट्रोलिंग और अवैध निर्माण करने लगा था. 

भारतीय सेना ने इसका विरोध किया लेकिन चीन नहीं माना. इसके बाद कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय जवानों ने गलवान नदी पर पुल का निर्माण करना शुरू किया, ताकि चीन की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. भारतीय सेना के इस कदम का चीनी सेना ने विरोध किया.

6 जून को 80 चीनी सैनिक इस पुल का तोड़ने के प्रयास से आगे आए, जबकि 100 भारतीय जवान इसे बचाने के लिए आगे बढ़े. उस समय दोनों देशों के बीच एक बार फिर समझौता हुआ. लेकिन 15 जून को चीनी सेना ने इस समझौते का भी उल्लंघन किया.

गलवान नदी में बहे चीनी सैनिक: 

भारतीय सेना चीनी सेना की गतिविधि को देखने के लिए आगे बढ़ी थी और उसी दौरान चीनी सैनिकों ने उन पर हमला कर दिया. इस हमले का भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया और कर्नल संतोष समेत 20 भारतीय हवन शहीद हो गए. और इसी दौरान कमजोर होता देख चीनी सेना पीछे हटने लगी. 

ऐसे में चीनी सेना ने रात के अंधेरे में ही नदी में उतरकर उसे पार करने का फैसला किया. लेकिन नदी का बहाव तेज होने के कारण वे बह गए. पर चीन ने अपने इन सैनिकों की मौत को छिपाने की कोशिश की और सिर्फ 4 सैनिकों की मौत को दिखाया.